Sultanpur Loot Case Update: उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सुल्तानपुर में हुई डकैती में डकैत मंगेश यादव की संलिप्तता की पुष्टि की। उन्होंने इस बात के सबूत के रूप में एक CCTV वीडियो भी जारी किया। इसके साथ ही, डीजीपी ने स्पष्ट किया कि पुलिस जाति के आधार पर एनकाउंटर नहीं करती है।
गुरुवार (12 सितंबर 2024) को लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में, डीजीपी प्रशांत कुमार ने सुल्तानपुर डकैती कांड के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस संबंध में उठाए गए सवालों का भी जवाब दिया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, डीजीपी ने सुल्तानपुर डकैती का एक वीडियो मीडिया को दिखाया जिसमें अपराधियों के नंबर भी चिह्नित थे। डीजीपी ने बताया कि वीडियो में ‘पाँच’ नंबर पर दिखने वाला अपराधी मंगेश यादव था, जिसने हेलमेट पहनकर दुकान में घुसपैठ की थी।
डीजीपी ने बताया कि मंगेश यादव हथियारों से लैस था और पिस्टल के दम पर दुकानदार को धमका रहा था। वह दुकान में तीसरे नंबर पर घुसा था, जबकि पहले अनुज प्रताप सिंह और एक अन्य लुटेरा दुकान के अंदर पहुंच चुके थे। मंगेश यादव ने जौनपुर से एक बाइक चुराई थी, जो इस लूट में इस्तेमाल की गई थी।
ये तस्वीरें उस मुठभेड़ के पहले की हैं जिसको लेकर यूपी की राजनीति काफी गर्म है ,जब पुलिस लूट कांड के आरोपियों की तलाश कर रही थी तब वो मंगेश के घर गई थी , मंगेश यादव के परिजनों के इस बयान के सामने आने के बाद तस्वीर आपको काफी हद तक समझ में आ जाएगी , कसूरवार कौन और गुनाहगार कौन ? pic.twitter.com/9TImzuO7Ej
— MANISH PANDEY (@ManishPandeyLKW) September 12, 2024
डीजीपी ने एक और वीडियो साझा किया जिसमें मंगेश की बहन का बयान था कि वह दो महीने से घर नहीं पहुँचा था। हालांकि, मंगेश की बहन ने बाद में मीडिया से बातचीत में कहा कि लूट के दिन मंगेश घर पर था, जिससे दोनों बयानों में अंतर स्पष्ट हो गया।
डीजीपी ने कहा कि इस घटना में उपयोग की गई बोलेरो गाड़ी को बरामद कर लिया गया था, जिसमें 15 किलो चांदी और 1.2 किलो सोना मिला था। मुख्य आरोपित विपिन सिंह ने रायबरेली कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने मंगेश यादव के एनकाउंटर पर कहा कि पुलिस ने जाति के आधार पर कार्रवाई नहीं की। उन्होंने यह भी कहा कि मंगेश यादव के लूट में शामिल होने के पुख्ता सबूत थे और की गई कार्रवाई पूरी तरह निष्पक्ष है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस मामले में फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करने का प्रयास किया है।
Sultanpur: क्या था मामला?
सुल्तानपुर में 28 अगस्त 2024 को बदमाशों के एक गैंग ने दिनदहाड़े भारत सर्राफ नाम की दुकान पर हमला कर उसे लूट लिया था। इस दौरान कई बदमाश दुकान के अंदर घुस गए थे जबकि अन्य बाहर मौजूद थे। लूट में करोड़ों का सोना-चांदी और नकद ले लिया गया। घटना के बाद पुलिस ने जांच शुरू की, और कई आरोपितों को गिरफ्तार किया जबकि विपिन सिंह ने आत्मसमर्पण कर दिया। मंगेश यादव इस मामले में फरार था।
2 सितंबर 2024 को मंगेश का सामना UPSTF से हुआ, जहां उसने सरेंडर के बजाय पुलिस पर गोली चला दी। जवाबी कार्रवाई में उसकी मौत हो गई, जिसके बाद इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया। समाजवादी पार्टी के मुखिया ने इस एनकाउंटर में गड़बड़ी के आरोप लगाए और कहा कि पुलिस ने जाति के आधार पर यह कार्रवाई की। डीजीपी प्रशांत कुमार ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले की स्पष्टता प्रदान की है।