Dhanteras Market: धनतेरस पर हर सेक्टर पर लक्ष्मी की कृपा इस कदर हुई कि धन की बरसात हो गयी। शुक्रवार को विभिन्न बाजारों में उमड़ी भीड़ ने महंगाई की हवा निकाल दी। खरीदारी का दौर देर रात तक ऐसा चला कि कारोबारियों की बल्ले-बल्ले रही। किश्तों और ब्याज मुक्त फाइनेंस योजनाओं के मुकाबले ग्राहकों ने नकदी भुगतान करने का जज्बा दिखाया।
सराफा बाजार में सोना हीरो रहा तो डायमंड संग चांदी ने भी खूब लुभाया। बाजार पर गहरी नजर रखने वालों की मानें तो अकेले धनतेरस के लिए 10 अरब से अधिक का कारोबार हुआ होगा। एक पखवारे पूर्व से लेकर आज तक के कारोबार का आंकलन किया जाए तो करीब 25 अरब से अधिक का व्यापार होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
विभिन्न बाजारों में निकली भीड़ ने इस बात का संकेत दिया कि भौतिकवादी युग में सुख-सुविधा की खातिर लोग, खासकर युवा वर्ग, मनपसंद आइटमों खरीदारी में पॉकिट का ध्यान नहीं रखा। मौका दीपोत्सव पर्व धनतेरस [Dhanteras Market] का हो तो क्या कहने?
बात चाहे सराफा बाजार का रहा हो या आटोमोबाइल्स सेक्टर, बर्तन बाजार की बात करें या इलेक्ट्रानिक सामानों, तैयार परिधानों, रियल एस्टेट, मिष्ठान, ड्राई फूट्स, पूजन सामग्री, मिट्टी के दीये, लक्ष्मी-गणेश समेत अन्य देवी-देवताओं की मूर्ति, गिफ्ट आइटम, झालर, एलईडी स्ट्रिप्स, फर्नीचर, कृषि उत्पाद, रंग-रोगन समेत अन्य आइटमों की। रिकार्ड मांग और बिक्री के आगे महंगाई रफूचक्कर हो गयी। बनारस में रिटेलरों ने उम्मीद से अधिक कारोबार समेटा।
इस बार गिफ्ट आइटमों में सोने के अलावा चांदी के नोटों, सिक्कों व मूर्तियों की डिमांड अधिक रही। ज्वेलर्स ने गोल्डेन चांस को भुनाते हुए खूब चांदी काटी। शाम होते-होते कई ज्वेलर्स के यहां सोने का पांच, 10 एवं 20 ग्राम वाले सिक्कों का स्टॉक समाप्त हो चुका था। ब्रिटिश कालीन चांदी के असली सिक्के ढूढें नहीं मिल रहे थे। डायमंड ने लोगों के दिलों में जगह बनाई।
पिछले धनतेरस के सराफा कारोबार में 20 फीसदी की दखल रखने वाली डायमंड ज्वेलरी ने इस बार 30 फीसदी का आंकड़ा छुआ। बाजार सूत्रों की मानें तो धनतेरस के दिन 100 किलो से अधिक सोने की बिक्री [Dhanteras Market] हुई। लोगों ने निवेश की खातिर जमकर सोना खरीदाा। जबकि चांदी की बिक्री भी कम नहीं रही।
इलेक्ट्रानिक्स मार्केट में बूम दिखा। कंपनियों की स्कीमों का लाभ उठाते हुए लोगों ने फ्रिज, वांशिंग मशीन, एलईडी, एलसीडी टीवी, माइक्रोवेव ओवेन, डेस्कटॉप, लैपटॉप, होम थियेटर, इंडक्शन चूल्हा आदि खरीदे। समस्त विभागों में ऑनलाइन टेंडरिंग, ई-रिटर्न आदि के चलते अबकी लैपटॉप की बिक्री में 20 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ। मोबाइल बाजार में भी बूम रहा।
बर्तनों की दुकानों पर पीतल, तांबा के मुकाबले स्टेनलेस स्टील के आइटमों की पूछ [Dhanteras Market] अधिक रही। इंडक्शन बर्तन, क्राकरी आइटम भी ग्राहकों ने पसंद किये। गैस चूल्हा, कूकर, मिक्सी खूब बिके। घर की सुंदरता निखारने के लिए होम फर्नीशिंग, फर्नीचर, आर्टिफिशियल मालाएं, झालर-झूमर की बिक्री भी कम नहीं थी।
Highlights
बेहतर बिक्री का अनुमान लगाकर कारोबारियों ने अपने प्रतिष्ठान एवं गोदाम में भरपूर स्टॉक भी कर लिया था। वजह साफ है कि यहां पर विविध आइटमों की प्रमुख मंडियां और थोक बाजार होने के कारण पूर्वांचल व बिहार के समीपवर्ती जिलों के फुटकर कारोबारी भी आकर जमकर खरीदारी करते हैं। लोकल ग्राहकी निकलती है सो अलग से। चूंकि करीब एक पखवारे पूर्व से ही सिर्फ आर्डर ही नहीं बल्कि एडवांस बुकिंग [Dhanteras Market] भी शुरू हो गयी थी। इसलिए थोक ही नहीं फुटकर कारोबार में बूम रहा।
रियल एस्टेट में बूम नजर आयी। मकान की ख्वाहिश रखने वालों ने बहुमंजिली इमारतों में फ्लैट बुक कराएं या खरीदें। शेयर मार्केट में विभिन्न कमोडिटी एक्सचेंजों के स्थानीय टर्मिनलों पर सोने का जलवा दिखा। ब्रोकर्स और सब ब्रोकर्स की माने तो स्क्वायर अप नेचर की ट्रेडिंग में 200 करोड़ से अधिक का टर्नओवर [Dhanteras Market] हुआ, जबकि 75 करोड़ रुपये से अधिक की फ्यूचर ट्रेडिंग हुई। ई-कॉमर्स कंपनियों ने भी रेकार्ड तोड़ ऑनलाइन कारोबार किया।
Dhanteras Market: ऑटोमोबाइल्स सेक्टर में बूम-बूम
दुपहिया और चार पहिया वाहनों में बनारसियों को नहीं पूर्वांचल के लोगों को खूब रास आया। विभिन्न कंपनियों ने बिक्री का अब तक का रेकार्ड [Dhanteras Market] तोड़ दिया। बैंक फाइनेंस के ‘पचड़े’ में पड़ने से बेहतर दर्जनों ग्राहकों ने नगद भुगतान में रुचि दिखाइ्र। दोपहिया वाहन विविक्रेताओं की मानें, तो एडवांस बुकिंग कराने वालों ने धनतेरस के दिन डिलीवरी ली। अकेले एक दिन में करीब 1000-1100 दोपहिया वाहन देर शाम होते-होते सड़कों पर दौड़ने लगे थे। जबकि करीब एक पखवारे में 2500 से अधिक दोपहिया वाहन सड़क पर उतर चुकी है।

चार पहिया वाहन विक्रेताओं की मानें, तो एक पखवारे में चार हजार से अधिक वाहन बिके। अकेले धनतेरस के दिन 2500-2600 चार पहिया वाहन सड़क पर उतरे। हालात यह रहे कि अंतिम समय तक लोग मनपसंद वाहन ढूढ़ते नजर आए। इसके अलावा चार पहिया वाहनों में ई-रिक्शा, ऑटो, मालवाहन, ट्रैक्टर आदि भी खूब बिके।
Dhanteras Market: ड्राइवरों की खूब कटी चांदी
ऑटोमोबाइल सेक्टर में बूम के चलते ड्राइवरों की भी खूब चांदी कटी। अधिकांश खरीदारी के दौरान वाहनों को घर तक पहुंचाने के लिए बाजार के ड्राइवरों का सहारा लिया गया। एक ड्राइवर ने बताया कि एक वाहन को घर तक पहुंचाने में हजार रुपये आसानी से मिल गए।
मूर्तियां भी खूब बिकीं
धन की देवी लक्ष्मी व विघ्नहर्ता गणेश की मूर्तियां भी खूब बिकीं। बर्तन व मिष्ठान्न की दुकानों पर ग्राहकों की लंबी कतारें देखी गई। मिट्टी की मूर्ति के साथ ही सोने-चांदी के लक्ष्मी-गणेश भी भक्त पूजन के लिए खरीदे।

लावा, मिठाई की दुकानों पर हुई खरीदारी
धनतेरस पर मिट्टी की लक्ष्मी-गणेश, दिया, मोमबत्ती, चीनी की मिठाई की दुकानों पर भी खूब खरीदारी हुई। लोग पूजा करने के लिए भड़ेहर की खरीदारी की। खूशबूदार मोमबत्ती, दिया व रंगोली की भी काफी मांग थी। घर में सजाने के लिए आर्टिफिशीयल रंगोली भी लोगों ने खरीदारी की।
झाड़ू की बिक्री भी खूब हुई
धनतेरस पर मान्यता और परम्परा का निर्वाह करते हुए लोगों ने विविध प्रकार के झाड़ू की खरीदारी भी खूब की। इसका फायदा उठाते हुए दुकानदारों ने मुंहमांगें दाम वसूले। अनुमान है कि झाड़ू के थोक व फुटकर बाजार में करीब पांच करोड़ रुपये की बिक्री हुई होगी।
Dhanteras Market: किस बाजार में कितनी होगी धनवर्षा
सेक्टर अनुमानित कारोबार
ऑटोमोबाइल 375-400 करोड़
रियल एस्टेट 200-250 करोड़
सराफा 350-400 करोड़
इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद 125-150 करोड़
ऑनलाइन कारोबार 850-900 करोड़
मिठाई 190-200 करोड़
बर्तन 55-60 करोड़
पूजन सामग्री 04 से 05 करोड़
मिट्टी के दीये, देवी-देवताओं की मूर्ति 2.50-3.00 करोड़
गिफ्ट आइटम 50-60 करोड़
चाकलेट 25-30 करोड़
झालर, एलईडी स्ट्रिप्स 15-17 करोड़
कटपीस/तैयार परिधान/होम फर्निशिंग 30-40 करोड़
ड्राई फ्रूट्स 25-30 करोड़
आर्टिफिशियल ज्वैलरी 2.50-3.00 करोड़
फर्नीचर उत्पाद 50-60 करोड़
साइकिल/रिक्सा/ट्राली 2.50-3.00 करोड़
कृषि उत्पाद 20-25 करोड़
रंग-रोगन उत्पाद 125-130 करोड़
नोट- सभी आंकड़े विभिन्न थोक एवं फुटकर बाजार से मिली जानकारी के आधार पर अनुमानित (रुपये में)। इन बाजारों पर गहरी नजर रखने वालों का कहना था कि ये अनुमानित आंकड़े एक पखवारे पूर्व से शुरू हुई खरीदारी और एडवांस बुकिंग पर आधारित है। इसमें अकेले धनतेरस के दिन हुई बिक्री भी शामिल है।