Digital Arrest in UP: यूपी में साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) के जरिए लोगों को ब्लैकमेल कर ठगने का नया तरीका अपनाया है। अपराधी पहले पीड़ितों को धमकाते हैं, फिर डर पैदा कर उनसे बड़ी रकम वसूलते हैं। हाल ही में वाराणसी और सोनभद्र में दो ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां बुजुर्ग और महिलाओं को साइबर ठगों ने अपना शिकार बनाया। इन घटनाओं में ठगों ने नकली पुलिस अधिकारी बनकर पीड़ितों से मोटी रकम वसूल की।
वाराणसी में Digital Arrest के जरिए बुजुर्ग महिला से 32 लाख की ठगी
वाराणसी के हुकुलगंज स्थित चंद्रा रेजिडेंसी की 67 वर्षीय नीना कौरा साइबर ठगी का शिकार बनीं। एक व्यक्ति ने खुद को मुंबई के अंधेरी पुलिस स्टेशन का इंचार्ज बताते हुए नीना को व्हाट्सएप पर कॉल किया और उन पर प्रतिबंधित दवाओं की तस्करी का आरोप लगाया। ठगों ने गिरफ्तारी की धमकी देकर उन्हें डराया और अदालत से गिरफ्तारी रुकवाने के बहाने 32 लाख रुपये की मांग की। वृद्धा ने डर के कारण पैसे ठगों के खाते में ट्रांसफर कर दिए। बाद में उन्हें ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
सोनभद्र का मामला: महिला से 48 घंटे की डिजिटल कैद और 2.9 लाख की ठगी
सोनभद्र में एक अन्य मामले में सृष्टि मिश्रा नाम की महिला को साइबर अपराधियों ने फोन कॉल कर ब्लैकमेल किया। ठगों ने दावा किया कि उनके फोन नंबर का इस्तेमाल 38 लाख रुपये की धोखाधड़ी में हुआ है। उन्हें डिजिटल रूप से 48 घंटे तक कैद रखा गया और पैसे न देने पर कानूनी कार्रवाई की धमकी दी गई। इस डर से महिला ने 2.9 लाख रुपये ठगों को ट्रांसफर कर दिए।
डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) का नया हथकंडा
साइबर ठग अब ‘डिजिटल अरेस्ट’ (Digital Arrest) नाम की तकनीक का उपयोग कर लोगों को डराकर ठग रहे हैं। यह अपराधी अक्सर फोन कॉल्स या वीडियो कॉल्स के जरिए एआई-जेनरेटेड आवाज और वीडियो का उपयोग करते हैं। खुद को पुलिस या सीबीआई अधिकारी बताकर, अपराधी पीड़ितों को गिरफ्तार करने या परिवार के किसी सदस्य को मामले में फंसाने की धमकी देते हैं। कई बार लोग बेइज्जती के डर से शिकायत तक दर्ज नहीं कराते।
बचाव के उपाय
साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस तरह की ठगी से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं:
- VPN का उपयोग करें ताकि आपकी ऑनलाइन गतिविधियों को सुरक्षित रखा जा सके।
- स्ट्रांग पासवर्ड और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें।
- अनजान कॉल्स और ईमेल से सतर्क रहें, किसी से संवेदनशील जानकारी साझा न करें।
- एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन वाले ऐप्स का उपयोग करें जैसे WhatsApp, Signal आदि।
- नियमित रूप से अपने डिवाइस और सॉफ़्टवेयर को अपडेट रखें।
Highlights
इस तरह की सावधानियों से साइबर ठगी से बचा जा सकता है। पुलिस और साइबर क्राइम सेल इस तरह के मामलों पर कड़ी नजर रख रही है और लोगों से सतर्क रहने की अपील कर रही है।