Diwali 2024: एक तरफ पूरे देश में जिहादियों ने नफरत का वातावरण बना रखा है। कहीं धार्मिक शोभयात्राओं पर पत्थर फेंके जा रहे हैं, कहीं प्रकाश करने से रोका जा रहा है, कहीं जलते हुए दिये को जूते से कुचला जा रहा है और नफरत फैलाकर देश को तोड़ने की साजिश हो रही है। वहीं दूसरी तरफ वाराणसी के लमही के सुभाष भवन में मुस्लिम महिलाओं ने एकजुट होकर सांप्रदायिक एकता का उदाहरण पेश किया। दीपावली के मौके पर मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किए गये कार्यक्रम में सैकड़ों महिलाओं ने सजावटी दीप, मिठाई और रंगोली के साथ भगवान श्रीराम की आरती की।
एकजुटता और भाईचारे का दिया गया संदेश
कार्यक्रम का उद्देश्य नफरत के खिलाफ एकजुटता और भाईचारे का संदेश फैलाना था, खासकर जब पूरे देश में धार्मिक नफरत (Diwali 2024) का वातावरण बना हुआ है। मुस्लिम महिलाओं ने अपने हाथों से रंगोली बनाई और उर्दू में राम आरती का गायन किया। इस दौरान, पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास महाराज ने भी आरती में भाग लिया और सभी के बीच भेदभाव खत्म करने की अपील की।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि महंत बालक दास जी महाराज ने कहा कि हर पंथ और मजहब अपने सिद्धांतों और नियमों में इतने कड़े हैं कि मानवता का पाठ ही भूल गए। उन्होंने अपने तरीके से न रहने वालों को अस्वीकार कर दिया, लेकिन भगवान राम ने सबको हृदय से लगाया और सबको स्वीकार किया।
Diwali 2024: भगवान राम ही पूरी दुनियां के पूर्वज- नाज़नीन अंसारी
मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाज़नीन अंसारी ने कहा कि शांति स्थापना के लिये अनिवार्य शर्त भगवान श्रीराम के आदर्श और रामराज्य हैं। रामराज्य की परिकल्पना लोगों को भेदभाव (Diwali 2024) से मुक्त कर सकती है और सबको गले से लगाकर स्वीकार कर सकती है। इजराइल और फिलिस्तीन दोनों को भगवान श्रीराम के रास्ते पर चलना चाहिए। मजहब केवल अलग है लेकिन भारत का हर मुसलमान पूर्वजों, परम्पराओं और संस्कृति से एक ही है। भगवान राम ही पूरी दुनियां के पूर्वज हैं।
हिन्दू मुस्लिम संवाद केंद्र की चेयरपर्सन डॉ० नजमा परवीन ने कहा कि नफरत को खत्म करने वाली संस्कृति सिर्फ भारत की संस्कृति है क्योंकि यहां की आत्मा में राम बसते हैं। जो देश या व्यक्ति राम से दूर होगा उसकी दुर्गति निश्चित है।
विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि हिन्दू और मुसलमानों के दिलों के बीच प्रेम और सद्भवना (Diwali 2024) का रामसेतु बनाना होगा। प्रभु श्रीराम को लेकर दुनियां के लोग विचार कर रहे हैं।