वाराणसी। लोकसभा चुनाव [Loksabha Election] के मद्देनजर जिलाधिकारी एस० राजलिंगम की अध्यक्षता में सर्किट हाउस सभागार में सेक्टर मजिस्ट्रेट तथा सेक्टर पुलिस अधिकारियों तथा रिजर्व सेक्टर मजिस्ट्रेट और रिजर्व सेक्टर पुलिस अधिकारी को ट्रेनिंग दी गयी। जिसमें बताया गया कि चुनाव के दौरान अधिकारियों को किन-किन बातों पर ध्यान देना है।


Loksabha Election : जिलाधिकारी के ओर से हैंडबुक दी गई
ट्रेनिंग में एडीएम वित्त राजस्व/नेशनल लेवल मास्टर ट्रेनर तथा एडीएम सिटी/स्टेट लेवल मास्टर ट्रेनर के द्वारा ट्रेनिंग के दौरान [Loksabha Election] फील्ड में क्या-क्या चीजें देखनी है तथा कौन-कौन से प्रोफार्मा पर रिपोर्ट किस तरह तैयार करनी है, इसकी जानकारी विस्तार से दी गई। इसके साथ वाराणसी संसदीय क्षेत्र की आठों विधानसभा क्षेत्र में कुल 227 सेक्टर हैं। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेटों को जिलाधिकारी के ओर से शनिवार को हैंडबुक दी गई।

ट्रेनिंग के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी [Loksabha Election] ने वल्नरेबल मैपिंग की जानकारी दी तथा क्रिटिकल मतदेय स्थल के अन्तर्गत आने वाले बूथों के बारे में विस्तार से बताया। जिसमें बताया गया कि बल्नरेबुल मैपिंग के अंतर्गत ऐसे मतदाता समूह/मजरे /ग्राम को चिन्हित करना, जिन्हें भयभीत करके या प्रलोभन देकर या अन्य प्रकार से मतदान करने से रोका जाता है वह वल्नरेबुल क्षेत्र कहे जाते हैं। ऐसे क्षेत्रों का चिन्हांकन पुलिस अधिकारियों व एस०डी०एम० द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है।
इस चिन्हांकन के साथ ही ऐसे व्यक्ति जिन्हें मतदान करने से रोका जा रहा है, की सूची बनायी जाती है तथा जो लोग मतदान करने से रोक रहे है, की सूची बनाई जाती है। इस क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की कार्यवाही के द्वारा वल्नरेबिलिटी को कम करने / समाप्त करने का प्रयास किया जाता है। ट्रेनिंग के दौरान अधिकारियों को किटिकल मतदेय स्थलों की पहचान के बारे में भी बताया गया।