वाराणसी में चल रहें कई विकास एवं निर्माण कार्य परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करने गुरुवार की अलसुबह जिलाधिकारी (Varanasi DM) एस. राजलिंगम निकले। जिलाधिकारी ने रमना में 50 एमएलडी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया और स्थापित माडल के द्वारा कार्य प्रणाली के बारे में विस्तार से जानकारी ली।


इस दौरान जिलाधिकारी (Varanasi DM) एस. राजलिंगम ने वहां के प्रोजेक्ट मैनेजर से पूछताछ कर जानकारी भी ली। उन्होंने प्रोजेक्ट मैनेजर से पूछा कि क्या अस्सी नाले 100 फीसदी टैप किया जा चुका है?

डीएम (Varanasi DM) के इस सवाल के जवाब में प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि इस प्लांट की केवल 50 एमएलडी क्षमता है, जबकि अस्सी नाले से 70 से 77 एमएलडी से अधिक सीवर जल डिस्चार्ज होता है। अतिरिक्त जल शोधन के लिए भगवानपुर में 55 एमएलडी के नये एसटीपी की परियोजना का प्रधानमंत्री द्वारा शिलान्यास किया जा चुका है और इसकी धनराशि स्वीकृत हो गयी है। इसके बन जाने पर शत-प्रतिशत नाले टैप कर दिये जायेंगे और गंगा में सीवर नाले का पानी नहीं गिरेगा।

Varanasi DM : मौके पर नहीं मिले अधिकारी डीएम हुए नाराज
इसके बाद डीएम (Varanasi DM) एस. राजलिंगम ने रमना क्षेत्र में लगे क्रशर प्लांट का निरीक्षण किया। जिसमें भवन के टूटे हुए कंक्रीट के टुकड़े, ईंट आदि के मलबे से भस्सी बनाया जाता है। इस निरीक्षण के दौरान जब उन्हें कोई भी अधिकारी वहां मौजूद नहीं मिले तो इसपर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई।
May You Read : ऑटो में मिला महिला का शव, क्षेत्र में फैली सनसनी, पुलिस जुटी कार्रवाई में…

रमना क्षेत्र में ही एनटीपीसी द्वारा प्लास्टिक वेस्ट से कोयला बनाने का कारखाना स्थापित किया गया है। भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी (Varanasi DM द्वारा इस फैक्ट्री का निरीक्षण किया गया। जहां उन्होंने उत्पादन प्रक्रिया देखा और प्लास्टिक से कोयला बनाने की जानकारी ली।


इसके अलावा वीडियो के माध्यम से उत्पादन का प्रेजेन्टेशन का भी निरीक्षण किया व उत्पादन होने वाले कोयला का नमूना भी उन्होंने देखा। जिलाधिकारी (Varanasi DM) द्वारा उत्पादन में आने वाली किसी प्रकार की समस्या या अन्य कोई समस्या होती है, उसके निराकरण के लिए जिला प्रशासन की ओर से सहयोग का आश्वासन दिया गया।