मौसम बदल रहा है। ऐसे में बच्चों को सर्दी, जुकाम और बुखार की शिकायतें बढ़ जाती हैं। क्योंकि बदलते मौसम में नवजात शिशुओं के शरीर को एडजस्ट होने में थोडा टाइम लगता है। कभी-कभी स्तनपान करने वाले शिशुओं में मां के दूध के कारण बुखार की समस्याएं आ जाती हैं। यदि मां को बुखार की शिकायत है, तो शिशु को भी बुखार आना स्वाभाविक है। ऐसे में मां को चाहिए को कुछ चीज़ों को अवॉयड करना चाहिए। जिससे कि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें।
जंक फूड्स
जंक फ़ूड बुखार में कदापि न खाएं। ये कैलोरीज, कार्बाहाइड्रेट्, मसालों और तेल से भरे होते हैं। इससे आपका मेटाबॉलिज्म खराब हो सकता है। इसके कारण आपके पेट की भी समस्या हो सकती है। वहीं, मसालेदार भोजन को भी बुखार में नहीं खाना चाहिए, इससे भी आपका हाजमा गड़बड़ होता है जिसके कारण आपका फीवर जल्दी ठीक नहीं होगा।
हाई फाइबर फूड्स
हाई फाइबर फूड्स को खाने से इस दौरान बचना चाहिए। क्योंकि इन खाद्य पदार्थों को पचाने में समय लगता है जो हाजमे को खराब कर सकते हैं। इसके कारण आपका बुखार जल्दी रिकवर नहीं होगा।
डेयरी प्रोडक्ट्स
इसके अलावा आपको डेयरी प्रोडक्ट का भी इस्तेमाल कम करना चाहिए। क्योंकि इन्हें भी पचाने के लिए बहुत ज्यादा ऊर्जा लगती है। और जब आप फीवर में होती हैं तो आपका एनर्जी लेवल बहुत लो होता है।
शराब और कैफीन
कुछ महिलाएं शराब की भी शौक़ीन होती हैं। शराब और कैफीन को भी पचाने में समय लगता है। ऐसे में आपको डिहाइड्रेशन की परेशानी हो सकती है। इसलिए बुखार में इसका सेवन भी नहीं करना चाहिए। अधिक मीठा खाना भी सेहत में लाभकारी नहीं होता है। इससे रोग प्रतिरोझक क्षमता कमजोर होती है। बुखार में नारियल पानी, सूप, पानी, जूस पीना चाहिए।
मां को बुखार आने पर उसे पैरासिटामोल की गोली दी जा सकती है। जिससे कि बच्चे को यह शिकायत न होने पाए। ज्यादा समस्या होने पर पैरासिटामोल को दिनभर में 3 बार दिया जा सकता है। वहीँ बच्चे को बुखार आने पर उसके माथे पर हमेशा गुनगुने पानी की पट्टी करते रहें। इसके अलावा शिशु के शरीर के तापमान की मोनिटरिंग करते रहें। तापमान बढ़ने पर उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।
- डॉ० ओ० पी० सिंह, वरिष्ठ बाल रोग चिकित्सक।