- मंगलम क्लिनिक में सेमीनार {Doctors Seminar} का आयोजन
- सेमीनार में शामिल हुए पुरे भारत से कई नामचीन डॉक्टर
- डॉक्टर अजित सैगल ने अंगवस्त्रम व स्मृति चिन्ह देकर किया अतिथियों का स्वागत
Doctors Seminar : हमें अपने घुटनों को बदलने की नही बचाने की जरूरत है….. इस सोच के साथ आज रविवार को वाराणसी के सिद्धिगिरी बाग़ स्थित अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अजित सैगल के मंगलम क्लिनिक में एक सेमीनार {Doctors Seminar} का आयोजन किया गया। यह सेमीनार केयर ओर्थपेडीक फाउंडेशन और ओसैक {ओर्थपेडीक एसोसिएशन ऑफ़ सार कन्ट्रीज} के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।


सेमीनार में पुरे भारत के कई शहर जैसे दिल्ली, आगरा, गुरुग्राम से लगभग 40 डॉक्टर्स शामिल हुए। इसमें हाई टीविया लोस्टियात्मी प्लेट के द्वारा घुटनों को कैसे बचाया जाये, इस विषय पर चर्चा की गयी। साथ ही एक ऑपरेशन करके भी दिखाया गया ताकि लोग इसपर बेहतर समझ प्राप्त कर सके।

कार्य्रक्रम {Doctors Seminar} की शुरुआत दीपप्रज्वलन के साथ की गयी। वहीं इस कार्य्रकम {Doctors Seminar} में मुख्य अतिथि प्रोफेसर एस. सी. गोएल रहें जिनका स्वागत व सम्मान डॉक्टर अजित सैगल ने अंगवस्त्रम व मोमेंटों देकर किया। इसके साथ ही कार्यक्रम में आयें अन्य अतिथियों का स्वागत भी डॉक्टर अजित सैगल ने अंगवस्त्रम व स्मृति चिन्ह देकर किया।

Doctors Seminar : केयर ओर्थपेडीक फाउंडेशन और ओसैक की ओर से आयोजित किया गया सेमीनार
इसके बारे में बताते हुए अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अजित सैगल ने बताया कि केयर ओर्थपेडीक फाउंडेशन और ओसैक {ओर्थपेडीक एसोसिएशन ऑफ़ सार कन्ट्रीज} के संयुक्त तत्वावधान में एक सेमीनार का आयोजन किया गया है। इस सेमीनार में इस बात पर चर्चा की गयी कि हर घुटने को बदलने की जरूरत नही है, हमें ज्यादा से ज्यादा घुटनों को बचाना चाहिए। घुटनों को दवाइयों, प्लाज्मा और हाई टीविया लोस्टियात्मी से कैसे बचाया जा सकता है, इस माध्यमों पर इस सेमीनार में चर्चा की गयी है।

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हाई टीविया लोस्टियात्मी में मैंने एक प्लेट बनाया है जो कि भारत सरकार द्वारा प्रमाणित हो चुकी है। इस प्लेट को लगाने से घुटने की तकलीफ में सालों-साल तक लोगों को आराम मिलेगा और तो और लोग दौड़-भाग भी कर सकते हैं। इस प्लेट से उडी तमाम जानकारी इस सेमीनार {Doctors Seminar} में साझा की गयी और एक ऑपरेशन करके दिखाया गया। इस सेमीनार में दिल्ली, आगरा, गुरुग्राम, प्रयागराज और अन्य जगहों से 40 डॉक्टर शामिल हुए हैं जो इस तकनीक के बारे में जानने के लिए इच्छुक हैं और इसके बारे में सीखना चाहते हैं।

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वहीं कार्यक्रम {Doctors Seminar} का आयोजन और सेमीनार का संचालन डॉक्टर अजीत सैगल के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रोफेसर एस. सी. गोएल, डॉक्टर अवनीश मिश्रा, डॉक्टर जी. एन. खारे, डॉक्टर के. डी. त्रिपाठी, डॉक्टर संजय धवन, डॉक्टर विक्रम खन्ना और प्रोफेसर अमित रस्तोगी के साथ अन्य डॉक्टर्स मौजूद रहें।