- प्रख्यात गायक शंकर महादेवन ने विश्वनाथ धाम में बहायी सुर गंगा
- गंगा व शिव के भजनों के बीच श्रोताओं ने लगायी डुबकी
- कहा- आज हम जहां गायन कर रहे यह मेरे लिए सौभाग्य की बात
राधेश्याम कमल
वाराणसी। काशी विश्वनाथ कारिडोर में संस्कृति मंत्रालय की ओर से गुरुवार की शाम सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रख्यात गायक व संगीत निर्देशक शंकर महादेवन लोगोंं के बीच आकर्षण का केन्द्र रहे। काशी विश्वनाथ धाम के मंदिर चौक में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व केन्द्रीय बंदरगाह व नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनावाल समेत कई विधायक व अन्य विशिष्टजनों के अलावा स्वीटजरलैण्ड से आये स्विस नागरिक भी मौजूद थे। शंकर महादेव ने श्रोताओं के बीच ऐसी सुर गंगा बहायी कि वहां मौजूद सभी श्रोता उसमें गोते लगाते रहे। उनके गायन से श्रोताओं के बीच संगीत की अलौकिक ऊर्जा का संचार हुआ।

सायंकाल 7.15 बजे नीले रंग का कुर्ता व कंधे पर शाल ओढ़े शंकर महादेवन का जब मंच पर पदार्पण हुआ तो मंदिर चौक में मौजूद सभी श्रोताओं ने उनका हर-हर महादेव के भारी उद्घोष से उनका अभिवादन किया। शंकर महादेवन ने गंगा व शिव पर कई भजनों की सुर गंगा बहायी। शंकर महादेवन भजन गाते रहे और श्रोता उनके साथ सुर से सुर मिलाते रहे। उन्होंने वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि व देवी सुरसरि गंगे से कार्यक्रम का आगाज किया। इसके बाद शिव तांडव जटा कटा ऊं नम: शिवाय सुनाया तो सभी श्रा्ेता मगन हो गये। शंकर महादेवन को सुनने के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर में आये दर्शनार्थी भी मंदिर चौक पहुंच गये थे।

इसके बाद शंकर महादेवन ने गंगा आई कहां से, गंगा जाये कहां रे जब सुनाया तो सभी झूम उठे। उनके साथ पश्चिम बंगाल से आये युवा कलाकार सौरभ मोनी भी थे जिन्होंने इन पंक्तियों को बंगला में गाकर कर सुनाया। वाकई सौरभ मोनी बंगला में जब लहराये पानी में जैसे धूप-छांव रे गीत गाया तो सभी श्रोताओं के दिल में उतर गये। उनके साथ बांसुरी भी बजी। इसके बाद शंकर महादेवन ने बाबा का रिद्म सुनाया। बोल थे- जटाधारी शिव भोला भंडारी। कहा कि बाबा के रिद्म को सेक्सोफोन में डालेंगे तो कैसा लगेगा। इसका भी उन्होंने प्रयोग किया। इसके बाद हम उस देश के वासी है जिस देश में गंगा बहती है सुनाया। शंकर महादेव जब मंच के बगल में गये तो उन्हें किसी प्रशंसक ने ऊं नम: शिवाय लिखा हुआ शाल पहना दिया। इस पर वे बोले आज का दिन मेरे लिए बहुत ही स्पेशल दिन है। जिसको हम फालों करते हैं उनके समक्ष गायन पेश कर रहे हैं। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है। इसके बाद उन्होंने ऊं नम: शिवाय तथा चलो मन गंगा यमुना तीर तथा तू गंगा की मौज में जमुना की धारा ये रहेगा मिलन आदि कई गीतों व भजनों को सुना कर सभी को भावविभोर कर दिया। इस दौरान शंकर महादेवन ने शिव तांडव, गंगा अवतरण, शिव भोला भंडारी आदि अनेकों भजन प्रस्तुत किए। जिससे बाबा के भक्त मंत्रमुग्ध होते रहे।