• About
  • Advertise
  • EPaper
Tuesday, July 1, 2025
No Result
View All Result
Hindi News,Breaking News, Latest News, Political News
E-PAPER
english news
  • होम
  • देश-विदेश
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
      • वाराणसी
      • प्रयागराज
      • अयोध्या
      • लखनऊ
      • गोरखपुर
      • कानपुर
  • राजनीति
  • एंटरटेनमेंट
    • बॉलीवुड
    • हॉलीवुड
    • टॉलीवुड
    • भोजपुरी
    • टीवी
    • वेब सीरीज
    • मूवी रिव्यु
  • धर्म कर्म
  • बिज़नेस
  • हेल्थ
  • खेल
  • साइंस
    • टेक्नोलॉजी
    • ऑटोमोबाइल
  • लाइफस्टाइल
    • फैशन
    • स्वास्थ्य
    • ट्रैवेल
    • खान-पान
  • एजुकेशन
  • अजब गजब
  • स्पेशल स्टोरी
  • Web Story
  • होम
  • देश-विदेश
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
      • वाराणसी
      • प्रयागराज
      • अयोध्या
      • लखनऊ
      • गोरखपुर
      • कानपुर
  • राजनीति
  • एंटरटेनमेंट
    • बॉलीवुड
    • हॉलीवुड
    • टॉलीवुड
    • भोजपुरी
    • टीवी
    • वेब सीरीज
    • मूवी रिव्यु
  • धर्म कर्म
  • बिज़नेस
  • हेल्थ
  • खेल
  • साइंस
    • टेक्नोलॉजी
    • ऑटोमोबाइल
  • लाइफस्टाइल
    • फैशन
    • स्वास्थ्य
    • ट्रैवेल
    • खान-पान
  • एजुकेशन
  • अजब गजब
  • स्पेशल स्टोरी
  • Web Story
No Result
View All Result
Hindi News,Breaking News, Latest News, Political News
No Result
View All Result
Home राज्य उत्तर प्रदेश वाराणसी

कभी प्रभु यीशु मसीह के शिष्य ने गिरजाघर चर्च में की थी आराधना

by Abhishek Seth
December 23, 2022
in वाराणसी, स्पेशल स्टोरी
0
कभी प्रभु यीशु मसीह के शिष्य ने गिरजाघर चर्च में की थी आराधना
0
SHARES
19
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter
  • सेंट थामस चर्च पर सभी हैं फिदा, गिरजाघर चौराहे का नाम भी इसी पर पड़ा

राधेश्याम कमल

गोदौलिया गिरजाघर स्थित सेंट थामस चर्च पर सभी फिदा हैं। सभी लोग इसे गिरजाघर चौराहे के नाम से जानते हैं। प्रभु यीशु मसीह के 12 शिष्यों में से एक सेंट थामस ने कभी प्रभु यीशु मसीह की आराधना की थी। सेंट थामस थामस चर्च आज भी आकाश की ऊचाइयों को छूता हुआ नजर आता है। यह समूचा इलाका आज गिरजाघर के नाम से मशहूर है। मसीही समाज के जानकारों की मानें तो सेंट थामस सैकड़ों साल पहले भारत यात्रा पर मद््र्रास से होकर काशी आये थे। काशी में गोदौलिया पहुंचने पर उन्होंने प्रभु यीशु का क्रूस लगा कर उस स्थान पर ईसा मसीह की आराधना की। इसके बाद वह मद्रास लौट गये। उस समय वहां सूनसान जंगल था। आज की तरह न तो इतना बड़ा बाजार था और न ही आकाश छूती इमारतें थीं। देश के सबसे प्राचीन गिरजाघरों में एक ईसाई धर्म के इस प्रार्थना स्थल का जिक्र थामस ने मद्रास पहुंच कर अपने सफरनामा में किया था। भारत की सरजमीं से सेंट थामस को इतनी मोहब्बत थी कि मद्रास में ही उनकी मौत हो गई। वह हमेशा के लिए भारत के होकर रह गये।

गिरजाघर चौराहा स्थित इस चर्च में क्रिसमस के दिन जबरदस्त भीड़ होती है. फोटो- बीबी यादव

सैकड़ों साल पहले ईस्ट इंडिया कंपनी का एक अंग्रेज सिपाही जॉन थोमर ने मद्रास में सेंट थामस का सफरना्मा पढ़ा और इस पवित्र जगह का जिक्र देख कर वह गोदौलिया की खोज की। गोदौलिया आज जिस जगह पर है वहीं पर थामस ने आराधना की थी। वहां पर ही जॉन ने चर्च की बुनियाद रखी। कंपनी शासन काल की अनूठी वास्तुकला का दस्तावेज सेंट थामस चर्च उन्हीं के नाम पर रखा गया है। आज ये चर्च सभी के लिए आकर्षण का केन्द्र है। हर संडे को चर्च में इससे जुड़े मसीही समाज के लोग प्रभु यीशु की आराधना करते हैं।  प्रोटेस्टेंट ईसाई वर्ग के इस आराधना केन्द्र के बारे में पादरी न्यूटन स्टीवन बताते हौं कि यह चर्च चर्चेज आफ नार्थ इंडिया (सीएनआई) की ओर से संचालित होती है। यहां देशी-विदेशी सभी सैलानी आकर चर्च का इतिहास जानकर अभिभूत होते हैं।

ईसाइयों का सबसे प्राचीन स्थल रामकटोरा चर्च

  •  खूबसूरत इतिहास को समेटे हुए है चर्च

लहुराबीर के समीप स्थित रामकटोरा चर्च से पूर्वांचल के सभी मसीही समाज के लोग आस्था रखते हैं। यह चर्च प्रोटेस्टेंट क्रिश्चियन वर्ग का प्राचीन स्थल है जिसका भवन अपने भीतर उस दौर के खूबसूरत इतिहास को समेट हुए हुए है। चर्च के दस्तावेज के मुताबिक 1835 से पहले यह चर्च बन चुका था। क्योंकि अभिलेखों में है कि 1835 में बाइबिल एण्ड मिशनरी फेलोशिप ट्रस्ट से रामकटोरा चर्च से जुड़ा हुआ था। इसे लाल और सफेद रंग से खूबसूरती इसलिए प्रदान की गई थी कि लाल रंग शहादत और सफेद रंग शांति का प्रतीक होता है। चर्च के पुराने नक्शे में यह भी जिक्र है कि जहां पर आज बाजार है वहां कभी ईसाई कब्रिस्तान और कालोनी थी। आजादी के वक्त जब देश में उथल पुथल का माहौल था तो लोगों ने चर्च की जमीन पर कब्जा कर लिया। यही वजह है कि यह चर्च एक छोटे से कैम्पस में सिमट कर रह गया है। रामकटोरा का चर्च वक्त के सितम का शिकार हो गया है। 1 फरवरी 1958 को इस चर्च परिसर का पुन: निर्माण किया गया।

ईसा मसीह के आस्था का केन्द्र तेलियाबाग चर्च

  • 1858 में किया गया था स्थापना

देश में मसीही समाज का एक बेशकीमती दस्तावेज के रूप में तेलियाबाग सीएनआई चर्च को माना जा सकता है। मिट्टी और लखौरिया इस्रंट से बना यह चर्च अपने आप में उस दौर का इतिहास बयां करता है। चर्च की स्थापना 1856 में जान मूलेट ने की थी वो ही इसके पहले पादरी थे। चर्च के दस्तावेज के मुताबिक जमींदार बटुक दयाल सिंह से यह जमीन खरीदी गई थी। चर्च के पादरी की मानें तो उस दौर में यहां प्रभु ईसा मसीह को चाहने वाले आज से अधिक थे। खासकर अंग्रेज सैनिकों से यह पूरा इलाका आबाद था। अन्य गिरजाघरों में ईसाइयों की बढ़ती आबादी के चलते ह७ी प्रभु ईसा की आराधना के लिए एक और चर्च की जरूरत महसूस हुई। इसी के चलते इस चर्च की स्थापना की गई। प्रोटेस्टेंट वर्ग के इस प्राचीन चर्च की इमारत अपने भीतर उस दौर का खूबसूरत इतिहास समेटे हुए है। बताते हैं कि 19 फरवरी 1930में इस चर्च का प्रबंधन लंदन मिशनरी सोसायटी ने अपने हाथों में ले लिया था। मगर तीन साल बाद 1993 में चर्च को मैथेडिश ट्रस्ट असोसियेशन की स्थापना करके उसकी देखरेख सोसायटी ने ट्रस्ट को सौंप दी। बाद में 1970 में मसीही समुदाय की बैठक में चर्च आॅफ नार्थ इंडिया संस्था बनायी गई। उस दौेर के सभी प्रोटेस्टेंट चर्च इससे जोड़ दिये गये। तब से इस चर्च का प्रबंधन सीएनआई ही करता है। इस चर्च की हद कभी कैंटोमेंट तक फैली हुई थी। बाद में रेलवे लाइन बिछी तो चर्च का दायरा सिमट गया। चर्च का मुख्य गेट कभी तेलियाबाग की ओर कुलता था लेकिन आज उस गेट का अस्तित्व अतिक्रमण करके खत्म कर दिया गया है।

ब्रिटिश काल में बना है सेंट पाल चर्च सिगरा

  • अंग्रेज आर्किटेक्ट जान पॉल ने रखी थी इसकी बुनियाद

सेंट पॉल चर्च सिगरा पूर्वांचल के लाखों मसीही समुदाय की आस्था का केन्द्र बना हुआ है। ब्रिटिश हुकुमत के दौर का यह चर्च खूबसूरत इतिहास को समेटे हुए खड़ा है। सवा सौ फीट लंबे इस चर्च पर सिगरा इलाके में आते ही लोगों की सहज ही नजर पड़ती है।लखौरिया इस्रंट से बने इस चर्च को उस दौर के अंग्रेज आर्किटेक्ट जॉन पॉल ने क्रास का रूप देते हुए 1841 में इसकी संगे बुनियाद रखी थी। उन्हीं के नाम पर चर्च का नाम सेंट पॉल रखा गया। यहां पर करीब 150 किलो का घंटा ब्रिटेन से खास प्रार्थना के लिए मंगाया गया था। यहां पर लगी टाइल्स इलाहाबाद से मंगायी गई थी। चर्च में उस समय तीन घड़ियां इंगलैण्ड से मंगा कर इसकी बाहरी दीवारों पर इसलिए सजाया गया था कि चर्च आने वाले समय का ख्याल रखें। साथ ही उधर से गुजरने वाले भी समय को देख सकें। घड़िया अब भी चर्च की दीदार पर टंगी हुई हैं लेकिन वक्त के साथ उनकी सुइयों की रफ्तार थम सी गई है। कभी इन घड़ियों का घंटा बजते ही सिगरा ह७ी नहीं वहां से गुजरने वाले सभी लोग अपनी घड़ी मिलाते थे। लोग इसे घंटाघर के नाम से भी जानते थे।यह चर्च भी 1970 में जब सीएनआई की स्थापना हुई तो यह चर्च उससे जुड़ गया। यहां पर संडे के अलावा क्रिसमस, न्यू ईयर, गुडफ्राई डे, इस्टर आदि मनाये जाते हैं।

Related Posts:

  • Good Friday: कोड़े बरसा कर क्रूस पर लटकाये गये प्रभु…
  • Easter Sunday: फिर जीवित हो उठे प्रभु यीशु मसीह,…
  • India : जानिए भारत का नाम "भारत" कैसे पड़ा और कैसी…
  • गुड फ्राइडे के दिन क्रूस पर लटकाये जायेंगे प्रभु यीशु
  • Christmas Special : इतिहास का दौर समेटे हुए बनारस का…
  • हजारों शिष्यों को संगीत में कर चुके हैं पारंगत पं०…
Previous Post

अजय देवगन ने फिल्म ‘कच्चे धागे’ के सेट की शेयर की तस्वीरें, हुए इमोशनल

Next Post

केंद्र का राज्यों को निर्देश – ‘ऑक्सीजन सप्लाई में कोई कम न आए, आने वाली चुनौती के लिए रहें अलर्ट’

Next Post
केंद्र का राज्यों को निर्देश – ‘ऑक्सीजन सप्लाई में कोई कम न आए, आने वाली चुनौती के लिए रहें अलर्ट’

केंद्र का राज्यों को निर्देश - 'ऑक्सीजन सप्लाई में कोई कम न आए, आने वाली चुनौती के लिए रहें अलर्ट'

Web Stories

10 Things to know about The Kerala Story
Rashifal: 21 अप्रैल से वृहस्पति बदलेंगे अपनी चाल, राशियों पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव
ब्लैक साड़ी में खुबसूरत दिखीं South Actress Keerthy Suresh
गोल्डन लहंगे में दुल्हन बनीं एक्ट्रेस Mrunal Thakur
बदलने वाली है ग्रहों की चाल, राशियों पर पड़ेगा ये प्रभाव

Recent Posts

  • Varanasi: गंगा किनारे रेत पर उकेरी अखिलेश की छवि, अखिलेश यादव के 52वें जन्मदिन पर 52 लीटर दूध से सपाइयों ने किया गंगा का अभिषेक
  • Rotary Club बनारस के नए सत्र की शुरुआत, संकट मोचन मंदिर में दर्शन-पूजन और कुष्ट आश्रम में किया गया अन्नदान
  • Varanasi: झमाझम बारिश की परीक्षा में नगर निगम पुरे नंबर से फेल, ढाई घंटे के बदले मौसम के रुख से शहर हुआ पानी-पानी
  • Varanasi: अखिलेश यादव के जन्मदिन पर सपाइयों में जश्न का माहौल, काटा केक, किया हवन और पौधारोपण
  • News Rules: 1 जुलाई से बदले कई अहम नियम, रेलवे किराया, क्रेडिट कार्ड चार्ज, एलपीजी और पैन से जुड़ी अपडेट, जेब पर पड़ेगा सीधा असर
  • Varanasi: HDFC बैंक में लगी भीषण आग, ATM तक पहुंचीं लपटें, करोड़ों के नुकसान की आशंका
  • Varanasi: चांदी के रथ पर विराजमान हुए सोने के भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा: 108 श्रद्धालुओं ने खींचा रथ,मठ में गूंजा ‘जय जगन्नाथ’
  • ‘कांटा लगा गर्ल’ Shefali Jariwala का निधन: अचानक दिल का दौरा आने से 42 साल की उम्र में जिन्दगी को कहा अलविदा, इंडस्ट्री में पसरा सन्नाटा
  • Varanasi: बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए काशी से पहला जत्था रवाना, निकाली गई भव्य शोभायात्रा, विगत 25 वर्षों समिति है सेवा में समर्पित
  • Varanasi में आधी रात तड़तड़ाई गोलियां: एनकाउंटर में गोली लगने से एक बदमाश घायल, दो गिरफ्तार

Categories

About Us

Jansandesh Times

Category

  • अजब गजब
  • अपराध
  • अयोध्या
  • उत्तर प्रदेश
  • एजुकेशन
  • एंटरटेनमेंट
  • ऑटोमोबाइल
  • कानपुर
  • खान-पान
  • खेल
  • गोरखपुर
  • टीवी
  • टेक्नोलॉजी
  • टॉलीवुड
  • ट्रैवेल
  • देश-विदेश
  • धर्म कर्म
  • प्रयागराज
  • फैशन
  • फ़ोटो गैलरी
  • बिज़नेस
  • बॉलीवुड
  • भोजपुरी
  • मूवी रिव्यु
  • राजनीति
  • राज्य
  • लखनऊ
  • लाइफस्टाइल
  • वाराणसी
  • वेब सीरीज
  • साइंस
  • स्पेशल स्टोरी
  • स्वास्थ्य
  • हेल्थ
  • हॉलीवुड

Recent Posts

  • Varanasi: गंगा किनारे रेत पर उकेरी अखिलेश की छवि, अखिलेश यादव के 52वें जन्मदिन पर 52 लीटर दूध से सपाइयों ने किया गंगा का अभिषेक
  • Rotary Club बनारस के नए सत्र की शुरुआत, संकट मोचन मंदिर में दर्शन-पूजन और कुष्ट आश्रम में किया गया अन्नदान
  • Varanasi: झमाझम बारिश की परीक्षा में नगर निगम पुरे नंबर से फेल, ढाई घंटे के बदले मौसम के रुख से शहर हुआ पानी-पानी
  • Varanasi: अखिलेश यादव के जन्मदिन पर सपाइयों में जश्न का माहौल, काटा केक, किया हवन और पौधारोपण
  • News Rules: 1 जुलाई से बदले कई अहम नियम, रेलवे किराया, क्रेडिट कार्ड चार्ज, एलपीजी और पैन से जुड़ी अपडेट, जेब पर पड़ेगा सीधा असर
  • About
  • Advertise
  • EPaper

© 2022 Jansandesh Times

No Result
View All Result
  • होम
  • देश-विदेश
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
      • वाराणसी
      • प्रयागराज
      • अयोध्या
      • लखनऊ
      • कानपुर
      • गोरखपुर
  • राजनीति
  • एंटरटेनमेंट
    • हॉलीवुड
    • बॉलीवुड
    • टॉलीवुड
    • टीवी
    • भोजपुरी
    • वेब सीरीज
    • मूवी रिव्यु
  • धर्म कर्म
  • अपराध
  • बिज़नेस
  • हेल्थ
  • खेल
  • साइंस
    • टेक्नोलॉजी
    • ऑटोमोबाइल
  • लाइफस्टाइल
    • फैशन
    • स्वास्थ्य
    • ट्रैवेल
    • खान-पान
  • एजुकेशन
  • अजब गजब
  • स्पेशल स्टोरी
  • Web Story
  • E-Paper
  • English News

© 2022 Jansandesh Times

10 Things to know about The Kerala Story Rashifal: 21 अप्रैल से वृहस्पति बदलेंगे अपनी चाल, राशियों पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव ब्लैक साड़ी में खुबसूरत दिखीं South Actress Keerthy Suresh गोल्डन लहंगे में दुल्हन बनीं एक्ट्रेस Mrunal Thakur बदलने वाली है ग्रहों की चाल, राशियों पर पड़ेगा ये प्रभाव
Verified by MonsterInsights