बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘इमरजेंसी’ (Film Emergency) की रिलीज डेट को लेकर फैंस में उत्सुकता बनी हुई है। हालांकि, इस फिल्म की रिलीज को लेकर कुछ कानूनी अड़चनें हैं, जिनका समाधान होना अभी बाकी है। अब यह संकेत मिल रहे हैं कि फिल्म को रिलीज करने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है, बशर्ते कंगना कुछ आवश्यक बदलाव करें।
फिल्म (Film Emergency) में अनिवार्य बदलाव
सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में बताया कि ‘इमरजेंसी’ की रिलीज संभव है, लेकिन इसके कुछ हिस्सों में कट लगाने होंगे। यह सुझाव फिल्म की रिवाइजिंग कमेटी ने दिया है।
सेंसर बोर्ड का यह जवाब जी स्टूडियोज द्वारा दायर की गई याचिका के संदर्भ में आया है, जिसमें फिल्म ‘इमरजेंसी’ (Film Emergency) के लिए सेंसर सर्टिफिकेट प्राप्त करने की मांग की गई थी। कोर्ट में सीबीएफसी की ओर से उपस्थित वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने जस्टिस बीपी कोलाबावाला और फिरदौस पूनीवाला की बेंच को बताया कि रिवाइजिंग कमेटी ने फिल्म में कट्स लगाने के सुझाव दिए हैं।
जी स्टूडियोज के वकील शरण जगतियानी को 11 बदलावों की सूची सौंपी गई है, जिन्हें फिल्म की रिलीज से पहले लागू करना होगा। अब यह निर्माताओं पर निर्भर करता है कि वे इन बदलावों को स्वीकार करते हैं या चुनौती देते हैं। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 30 सितंबर (सोमवार) तक स्थगित कर दी है।
सिख संगठनों का विरोध
फिल्म ‘इमरजेंसी’ (Film Emergency) पहले 6 सितंबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन सिख संगठनों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के कारण इसे टालना पड़ा। सिख संगठनों का आरोप है कि कंगना ने फिल्म में उनके समुदाय की गलत छवि पेश की है।
हाल ही में यह जानकारी आई थी कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म (Film Emergency) को सर्टिफिकेट तो दे दिया है, लेकिन इसके साथ कुछ शर्तें भी रखी हैं। फिल्म के कुछ सीन्स काटने और ऐतिहासिक मुद्दों पर डिस्क्लेमर लगाने का आदेश दिया गया है, जिसके बाद ही फिल्म की रिलीज संभव होगी।
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