आईएमएस बीएचयू (IMS BHU) के ईएनटी विभाग में पहली बार लार ग्रंथि और सांस की नली के सिकुड़ने की समस्या का दूरबीन विधि से सर्जरी की जाएगी। यह नई तकनीक मरीजों के लिए बेहद लाभकारी साबित होगी क्योंकि इससे ऑपरेशन के दौरान चीरा लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, जिससे मरीज को दर्द कम होगा और समय की भी बचत होगी। यह जानकारी ईएनटी विशेषज्ञों के तीन दिवसीय अधिवेशन के पहले दिन, 27 सितंबर को आयोजित होने वाली पहली सर्जरी के संबंध में दी गई।
अधिवेशन के आयोजन समिति (IMS BHU) के अध्यक्ष प्रोफेसर राजेश कुमार और सचिव प्रोफेसर विशंभर सिंह ने बताया कि यह अधिवेशन 27 से 29 सितंबर तक चलेगा, जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश समेत 20 राज्यों से 40 विशेषज्ञ और 300 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। इस अधिवेशन के दौरान मेडिकल छात्रों को नई तकनीकों के जरिए ऑपरेशन देखने और सीखने का अवसर मिलेगा।
शोध और कैडेवर पर प्रैक्टिकल (IMS BHU) का अवसर
अधिवेशन के दौरान, प्रतिभागियों को मृत शरीर (कैडेवर) पर प्रैक्टिकल करने और सर्जरी सीखने का भी मौका मिलेगा। देशभर से आए विशेषज्ञ कान, नाक और गले से संबंधित बीमारियों पर चर्चा करेंगे और उनके इलाज के नए तरीकों पर विचार करेंगे।
ऑपरेशन थिएटर में लाइव सर्जरी, सभागार में प्रसारण
आयोजन समिति (IMS BHU) के अनुसार, अधिवेशन के दौरान ऑपरेशन थिएटर में की जा रही सर्जरी का सीधा प्रसारण केएन उडुप्पा सभागार में किया जाएगा, जिससे सभी प्रतिभागी सर्जरी को लाइव देख सकेंगे। इन सर्जरी में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए थायराइड ग्रंथि के गांठ का ऑपरेशन, नाक का साइनस ऑपरेशन, कान से सुनाई न देने की समस्या का ऑपरेशन, नाक के जरिए दिमाग का ऑपरेशन, कान की हड्डी के गलने का इलाज, लार की ग्रंथि का बिना चीरा के ऑपरेशन और सांस की नली के सिकुड़ने की सर्जरी की जाएगी। साथ ही, टॉन्सिल और एडिनॉइड का भी आधुनिक विधि से ऑपरेशन किया जाएगा।
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