Floating CNG Station: देव दीपावली पर काशी को केंद्र सरकार के ओर से नए सीएनजी स्टेशन की सौगात मिली है। गंगा में चल रही नाव अब यहां से सीएनजी ले सकेंगी। पहले नावों को सीएनजी लेने के लिए नमो घाट जाना पड़ता था। अबरविदास घाट पर सीएनजी स्टेशन बन जाने से नाविकों को काफी सहूलियत मिलने वाली है।
देव दीपावली पर पीएम मोदी ने सीएनजी स्टेशन (Floating CNG Station) के रूप में काशी के नाविकों को बड़ी सौगात दी है। पहले सीएनजी स्टेशन मनो घाट पर संचालित था। इसी क्रम में गेल कंपनी ने रविदास घाट पर फ्लोटिंग सीएनजी एमआरयू स्टेशन की शुरुआत की है। फ्लोटिंग सीएनजी मोबाइल रिफ्युलिंग यूनिट (एमआरयू) से गंगा में चल रही बोट से वायु और जल प्रदूषण रोकने में मदद मिलने वाली है।
फ्लोटिंग सीएनजी मोबाइल रिफ्यूलिंग यूनिट (Floating CNG Station) से वाराणसी में बोटिंग कर रहे नाविकों को बहुत ही सुविधा मिलने वाली है। इससे पहले वाराणसी नगर निगम और प्रशासन ने नाविकों को पुरानी डीजल से चलने वाली बोट और इंजन वाली नाव को चलाने पर रोक लगा रखी थी। उसके बदले में उन्हें सीएनजी युक्त इंजन चलाने की इजाजत थी। यह फैसला गंगा में फैलने वाले प्रदूषण और वायु प्रदूषण को रोकने के लिए लिया गया था। इसी क्रम में सरकार ने नाविकों को सहूलियत देते हुए नमो घाट पर फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन का निर्माण कराया था।
Floating CNG Station: करीब 800 बोट्स को CNG में करने का प्लान
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को इसका उद्घाटन करते हुए कहा कि 800 के करीब बोट्स जो मां गंगा में चलती हैं, उनमें से ज्यादातर सीएनजी में कन्वर्ट की जाती हैं तो उसमें बोट चलाने वालों का भी फायदा है। हर किस्म और हर तरीके से सीएनजी में कन्वर्जन का फायदा है। सीएनजी का कन्वर्जन करने के लिए आपको मोबाइल रिफ्यूलिंग यूनिट बनारस को मिला है।
मैं समझता हूं कि आगे भी जो कदम उठाने पड़ेंगे सरकार और गेल (GAIL) मिलकर वो कदम उठाएंगे। बता दें कि वाराणसी में सीएनजी स्टेशन की मदद से गंगा में चलने वाली बोट और इंजन से चलने वाली नावों को सीएनजी आसानी से मिल जाती है। रविदास घाट पर नया सीएनजी स्टेशन बनने से नाविकों को और भी फायदा होगा।