Flood Alert Varanasi: गंगा के जलस्तर में अब और भी तेजी से वृद्धि हो रही है। गंगा का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रति घंटा का रफ्तार से बढ़ रहा है। गंगा के जलस्तर में बढ़ाव के चलते अभी तक सात घाटों का संपर्क टूट चुका है। इसमें तुलसीघाट, निरंजनी घाट, त्रिपुरा भैरवी घाट, ललिताघाट आदि हैं। इसके पहले चार घाटों का आपसी संपर्क टूट चुका था। डॉ. राजेन्द्र प्रसादघाट, दशाश्वमेधघाट, प्रयागघाट, मुंशीघाट, अहिल्याबाईघाट और दरभंगा घाट की अधिकांश सीढ़िया डूब (Flood Alert Varanasi) गई हैं।
भदैनी घाट पर ऊपर तक पानी चढ़ जाने के कारण घाटों का आपसी संपर्क टूट गया। मीरघाट पर सीढ़ियां डूबीं तो लोगों ने आवागमन के लिए बांस से प्लेटफार्म बना कर आवागमन का रास्ता निकाला। जैन घाट पर तीन सीढ़ियां दिख रही हैं। इसके अलावा अन्य घाटों का भी संपर्क टूट गया है।
Flood Alert Varanasi: हरिश्चन्द्र व मणिकर्णिका घाट पानी से भरा, सीढ़ियों पर शवदाह
महाश्मशान मणिकर्णिकाघाट और हरिश्चन्द्र घाट गंगा के पानी से लबालब (Flood Alert Varanasi) हो गये हैं। इसके चलते घाट की सीढ़ियों पर शवदाह करना पड़ रहा है। इसको लेकर शवदाह कराने आये लोगों की परेशानियां बढ़ती जा रही है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में दिव्यांगों के जाने के लिए बनाए गए रैंप में भी पानी भर गया। निरंजनी घाट के पूरी तरह डूब जाने से रोजाना श्री काशी विश्वनाथ धाम जाकर दर्शन-पूजन करने वाले श्रद्धालुओं को प्लेटफार्म पर ही गंगा स्नान करना पड़ रहा है।
गंगा के जलस्तर में तेजी से हो रहे बढ़ाव के चलते दशाश्वमेधघाट पर होने वाली गंगा आरती का स्थान बदल दिया गया है। गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि (Flood Alert Varanasi) को लेकर घाट के किनारे रहने वाले वाशिंदों के चेहरों पर चिंता की लकीरें स्पष्ट रूप से दिखायी पड़ रही हैं। घाट के किनारे रहने वाले पंडा व पुरोहित अपने-अपने पटरों व छतरियों को घाट के ऊपर ले जा रहे हैं। जबकि घाट पर चाय-पान अथवा चाट पकौड़े बेचने वालों की मुसीबतें धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है।

गंगा बैराज कानपुर से 2.68 लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा गया
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक बुधवार को वाराणसी में गंगा जलस्तर सायंकाल तक 63. 12 मीटर रिकार्ड किया गया। यहां पर गंगा का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है। सुबह 8 बजे तक गंगा का जलस्तर 62.92 मीटर रहा। मंगलवार को गंगा का जलस्तर 62.68 मीटर रहा। गंगा बैराज कानपुर से 2.68 लाख 840 क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है। यह पानी दो दिन में वाराणसी पहुंचेगा। जलस्तर बढ़ने (Flood Alert Varanasi) का सबसे ज्यादा असर काशी के घाटों पर देखने को मिल रहा है।

चेतावनी बिंदू से सात मीटर दूर हैं गंगा
गंगा का चेतावनी बिंदू 70.262 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 71.262 मीटर है। अभी भी यह चेतावनी बिंदु से लगभग सात मीटर दूर है, लेकिन गंगा व वरुणा तटवर्ती क्षेत्रों में धड़कनें बढ़ने लगी हैं। अभी तक सबसे उच्च स्तर पर गंगा का जल स्तर 9 सितंबर 1978 को 73.901 तक पहुंचा था। हालांकि इन स्थितियों से अभी जलस्तर दूर है। केन्द्रीय जल आयोग के मुताबिक मिर्जापुर में बुधवार को गंगा का जलस्तर 68.33 मीटर रिकार्ड किया गया। यहां गंगा का जलस्तर (Flood Alert Varanasi) दो सेंटीमीटर प्रति घंटा के रफ्तार से बढ़ रही है।
इसी करह गाजीपुर में 56.20 मीटर तथा बलिया में 51.60 मीटर रिकार्ड किया गया। यहां भी दो सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गंगा बढ़ रही है। इसी तरह इलाहाबाद में गंगा का जलस्तर 73.16 मीटर रिकार्ड किया गया। यहां भी गंगा बढ़ाव पर है।

गंगा का जलस्तर बढ़ने से तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों में भी का माहौल बनने लगा है। लोग पिछले कुछ वर्षों से जिस तरह बाढ़ का कहर झेल रहे हैं, अब उनमें इसे झेलने की सामर्थ्य नहीं नजर आ रही है। तटीय इलाकों में खासकर शैलपुत्री, नक्खी घाट, कोनिया, सुजाबाद, डोमरी, सामने घाट, रामनगर के क्षेत्रों में लोग अब अपने सामानों को इकठ्ठा करने में लगे हुए हैं।