Uric Acid का आयुर्वेदिक उपचार:गलत खानपान और खराब जीवनशैली के कारण लोगों में हाई यूरिक एसिड की समस्या काफी ज्यादा बढ़ गई है। शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने पर जोड़ों में क्रिस्टल बनने लगता है। इसके चलते जोड़ों और हड्डियों में सूजन और दर्द की समस्या होने लगती है। इससे अर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं। शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए आप आयुर्वेद की मदद ले सकते हैं।
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने का आयुर्वेदिक उपाय-
1- काली किशमिश- अगर आपको यूरिक एसिड की समस्या है तो काली किशमिश खाएं ।काली किशमिश को गठिया और हड्डियों के घनत्व के लिए अच्छा माना जाता है ।इसके लिए 10-15 काली किशमिश रात में पानी में भिगो दें सुबह पानी को पी लें और किशमिश को चबाकर खा लें।
2- गुडुची- ये एक औषधि है जो यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है ।इससे शरीर में पित्त की मात्रा कम होती है और वात दोष भी कम होता है ।इसके सेवन से ब्लड में यूरिक एसिड भी कम हो जाता है ।जोड़ों की सूजन और दर्द से राहत पाने के लिए ये कारगर जड़ी-बूटी है।
3- गुग्गुल- हड्डियों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए गुग्गुल का इस्तेमाल करें ।गुग्गल कई तरह के होते हैं, जिन्हें मिलाकर आयुर्वेदिक दवाएं बनाई जाती हैं ।इससे जोड़ों का दर्द और सूजन कम हो जाती है और यूरिक एसिड भी कंट्रोल हो जाता है।
4-पुनर्नवा काढ़ा- यूरिक एसिड बढ़ने पर आप पुनर्नवा का काढ़ा पिएं।ये एक जड़ी-बूटी है जो जोड़ों में सूजन की समस्या को कम करती है ।यूरिक एसिड बढ़ने पर जोड़ों में सूजन आ जाती है, लेकिन पुनर्नवा टॉयलेट के जरिए विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालने का काम करता है ।इससे सूजन भी कम हो जाती है।
5- सौंठ और हल्दी- यूरिक एसिड बढ़ने पर सौंठ और हल्दी पाउडर का इस्तेमाल करें ।सौंठ यानि सूखी अदरक इन दोनों चीजों के सेवन से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है ।पिसी सौंठ और हल्दी को पानी में मिलाकर पेस्ट बनालें और दर्द वाली जगह पर लगाएं।
Anupama Dubey