जब-जब सरकारी स्कूलों {Government School} का जिक्र होता है, तब-तब हमारे जहन में बदहाली और जर्जर भवन की तस्वीर ही सामने उतरकर आती है। लेकिन अब उत्तरप्रदेश के वाराणसी में स्थित एक सरकारी स्कूल एक ऐसी फल करने जा रहा है। जिसके चलते एक नये कीर्तिमान की स्थापना होगी। इस सरकारी स्कूल {Government School} का नाम है राजकीय राजकीय क्वींस इंटर कॉलेज। जहाँ अब विदेशों से छात्र हिंदी पढ़ने के लिए आयेंगे क्वींस कॉलेज के इस बेहतरीन पहल के चलते काशी को एक नयी ख्याति मिलेगी और इसके चलते काशी देश का पहला ऐसा सरकारी स्कूल होगा जहाँ हिंदी पढ़ने के लिए विदेशी छात्र आयेंगे।

चीन, जापान और इंग्लैंड जैसे देशों से आयेंगे विदेशी छात्र
चीन, जापान और इंग्लैंड जैसे देशों से विदेशी छात्र आयेंगे और सिर्फ इतना ही नहीं यहाँ से भी छात्र विदेशी भाषाओँ को सिखने के लिए वहां जायेंगे। ऐसे में काशी जो कि सबसे प्राचीन नगरी होने के साथ-साथ सांस्कृतिक प्रचार का केंद्र है। वहीं अब इस कीर्तिमान की स्थापना के चलते यह भाषाओँ के आदान-प्रदान का भी केंद्र बन जाएगी। बताते चलें कि ऐसे तो कई सारे प्राइवेट स्कूल और यूनिवर्सिटीज हैं, जहाँ बाहर से छात्र पढ़ने के लिए आते तो हैं, लेकिन ये देश का पहला ऐसा स्कूल होगा, वो भी सरकारी विद्यालय {Government School}, जहाँ विदेशी छात्र हिंदी हिंदी पढने के लिए आयेंगे।

देश का पहला सरकारी स्कूल जहाँ हिंदी पढ़ने आयेंगे विदेशी छात्र
प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र में इस बेहतरीन पहल के चलते चारो-ओर ये चर्चा का विषय बन गया हैं। इसे लेकर तमाम तैयारियां शुरू हो गयी हैं और सभी पेपर वर्क भी प्रोसेस में हैं। अब जल्द ही इस प्रक्रिया को एक आधार मिल जायेगा और जल्द ही यहाँ विदेशी छात्रों का आगमन भी शुरू हो जायेगा। जिसके बाद काशी के एक सरकारी स्कूल {Government School} राजकीय क्वींस इंटर कॉलेज से हिंदी भाषाओँ का आदान-प्रदान विदेशों में शुरू हो जायेगा फिर एक अलग व प्रसंसनीय सोच को आधर मिलगी और काशी की ख्याति, देश-विदेश में इसके जरिये होने वाले भाषाओँ के आदान-प्रदान के लिए भी यह दुनियाभर में शुमार होगी।

विद्यालय के प्रधानाचार्य ने साझा की जानकारी
जन्संदेश से हुई खास-बातचीत में राजकीय क्वींस इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य सुमित कुमार श्रीवास्तव ने इसके बारे में बताते हुए कहा कि विदेशी छात्रों का यहाँ हिंदी पढने आने की जो धारणा है, वो कहीं न कहीं पीएम मोदी के विजन से जुडी हैं कि हमें लोकल टू ग्लोबल बनना है। हमें हिंदी भाषा को वैश्विक स्टार पर ले जाना है इसीलिए ये पहल की गयी है।

क्वींस कॉलेज करेगा एक नया कीर्तिमान स्थापित
प्रधानाचार्य सुमित कुमार श्रीवास्तव ने आगे कहा कि ये हमारे लिए बहुत ही गौरव का विषय है कि ये देश का पहला ऐसा विद्यालय होगा। जहाँ विदेशी छात्र हिंदी पढने के लिए आयेंगे। इसे लेकर तमाम प्रक्रियाएं चल रही हैं और जैसे ही ये कम्पलीट होगा इसे हम विभागीय प्रक्रियाओं के साथ आगे बढ़ाएंगे। भाषाओँ के आदान प्रदान को लेकर उनका कहना रहा कि अभी फिहाल चीन से विद्यार्थी यहाँ पढने के लिए आएंगे। इसके आलावा जापान, इंग्लैंड व अमेरिका जैसे तमाम देशों से बातचीत कर वहां के भी छात्र यहाँ आयेंगे। ऐसे में काशी से हिदी भाषा का और विदेशों से वहां की भाषाओँ का आदान-प्रदान होगा। इसके चलते क्वींस कॉलेज {Government School} एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा।

क्वींस कॉलेज {Government School} की इस पहल से काशी को मिलेगी एक नयी ख्याति
प्रधानाचार्य सुमित कुमार श्रीवास्तव का कहना रहा कि राजकीय क्वींस इंटर कॉलेज सिर्फ एक सरकारी स्कूल {Government School} नहीं है, ये देश की धरोहर है। इससे तमाम विभूतियों के नाम जुड़े हैं। ऐसे में हम निश्चय ही यह प्रयास करेंगे कि इसकी गरिमा और ख्याति वैश्विक स्तर तक पहुंचे ऐसे में सरकारी स्कूलों के लिए लोगों का जो नजरियाँ है वो भी बदलेगा।

विद्यालय ने देश की आजादी में निभायी थी अहम भूमिका
आपको बता दें कि 232 साल पुराने इस विद्यालय {Government School} ने देश की आजादी में अहम भूमिका निभायी थी। इस कॉलेज {Government School} का नाम भी ब्रिटेन की महारानी के नाम पर ही पड़ा है। वाराणसी के इस क्वींस कॉलेज से जयशंकर प्रसाद, भारतेंदु हरिश्चंद्र व मुंशी प्रेमचंद जैसे तमाम विभूतियों के नाम जुड़े हैं और अब वैश्विक स्तर पर की जा रही इस पहल के साथ लोगों के जहाँ में बसी सरकारी स्कूलों की छवि तो बदलेगी ही लेकिन इसके साथ-साथ काशी की संस्कृति के साथ ही अब ये भाषाओँ के आदान-प्रदान का केंद्र बन जाएगी।