वाराणसी। विशेष न्यायालय एमपी-एमएलए अवनीश गौतम की कोर्ट से पूर्व सपा विधायक गोरख नाथ पासवान को राहत नहीं मिली। कोर्ट ने शुक्रवार को आरोपी की अपील खारिज करते हुए सात अप्रैल को सबंधित अवर न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया।
कोर्ट में अभियोजन की ओर से एडीजीसी विनय सिंह ने पैरवी की। पिछले साल आठ अगस्त को एसीजेएम एमपी एमएलए कोर्ट ने दस साल पहले ट्रेन रोकने के मामले में आरोपी तत्कालीन सपा विधायक गोरख नाथ पासवान को दोषी पाते हुए तीन माह की सजा सुनाई थी। साथ ही अदालत ने आरोपी पर साढ़े चार हजार रुपया जुमार्ना भी लगाया था। इस फैसले के खिलाफ आरोपी पूर्व विधायक ने सत्र न्यायालय में अपील की थी, जिसपर सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी की अपील निरस्त कर दी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार आरपीएफ मऊ के एसआई डीके शर्मा ने अप्रेल 2012 में रिपोर्ट दर्ज कराया। आरोप लगाया की चार अप्रैल 2012 को वाराणसी-गोरखपुर रेल प्रखंड पर बनकरा गांव के पास रेल फाटक बनाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने सपा विधायक गोरख पासवान के नेतृत्व में इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन को बिल्थरा रोड तथा किड़िहरापुर रेलवे स्टेशनों के बीच करीब 18 मिनट तक रोके रखा था। बाद में रेल यातायात सुचारु हो सका। इसके बाद परिचालक के शिकायत पर एसआई ने सपा विधायक गोरख पासवान तथा कई अन्य लोगों के खिलाफ रेल अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था। लोअर कोर्ट में अभियोजन की ओर से लोक अभियोजन अधिकारी केके मिश्रा व मऊ आरपीएफ पैरोकार संजय कुमार मिश्रा ने छह गवाह पेश किए थे। उसके बाद अदालत ने आरोपी पूर्व विधायक को दोषी पाते हुए सजा सुनाई थी।