- सेंट मेरीज महागिरजाघर में हुआ आयोजन
- पादरियों ने प्रभु यीशु के सात वचनों को सुनाया
- मसीही समाज के भारी संख्या में लोग रहे मौजूद
- आराधना संग नाट्य का किया गया मंचन
राधेश्याम कमल
वाराणसी। गुड फ्राइडे (Good Friday) के दिन शुक्रवार को प्रभु यीशु मसीह को क्रूस पर लटका दिया गया। इस दौरान प्रभु यीशु को तमाम के तरह की यातनाएं देने के साथ ही उन पर कोड़े बरसाये गये। यह आयोजन सेंट मेरीज महागिरजा कैंटोमेंट में किया गया। इस दौरान प्रभु यीशु मसीह को क्रूस पर चढ़ाये जाने का मार्मिक इतिहास का वर्णन किया गया। इसे सुनकर वहां मौजूद मसीही समाज के लोगों की आंखें नम हो गई। बिशप ने इस दौरान प्रार्थना सभा की। प्रभु यीशु मसीह को क्रूस पर चढ़ाये जाने के दौरान महागिरजा में भारी संख्या में मसीही समाज के लोग मौजूद थे। बनारस में प्रोटेंसटेंट मसीही समाज के चर्चा में प्रार्थना सभा दोपहर 12 बजे शुरू हुई। जबकि कैथोलिक चर्च में अपराह्न तीन बजे से प्रभु यीशु को क्रूस पर चढ़ाये जाने की मार्मिक गाथा शुरू हुई। इस दौरान प्रभु यीशु को क्रूस पर चढ़ाये जाने की मार्मिक गाथा का मंचन भी हुआ। इसके पूर्व क्रूस मार्ग की आराधना भी हुई जिसमें पादरियों ने भागीदारी की।

क्यों मनाया जाता है गुडफ्राइडे
ये वो दिन है जिस दिन प्रभु यीशु मसीह को गोल्गथा नामक पहाड़ पर जो कलवारी नामक स्थान पर स्थित है, क्रूस पर चढ़ाया गया था। इस घटना से पूर्व प्रभु यीशु मसीह को रोमी सैैनिकों व धर्मगुरुओं ने अत्यन्त वेदनाओं व दुर्व्यवहार का सामना पड़ा था। अंत में प्रभु यीशु मसीह ने अपने प्राण त्याग दिये। उनकी पवित्र मौत को सभी हर साल गुड फ्राइडे के रूप में मनाते हैं। चर्च आफ बनारस के पादरी बेनजान व रामकटोरा चर्च के पादरी आदित्य कुमार बताते हैं कि प्रभु यीशु मसीह को घोर यातना दी गई और उन्हें क्रूस पर चढ़ाया गया। क्रूस पर उनकी पवित्र मौत की खबर से ही कलवारी में ईसा शहीद हुए धरती का कलेजा फट गया, मगर चमत्कार तीसरे दिन हुआ जब प्रभु यीशु मसीह पुन: जीवित हो उठे।

क्रूस पर दिये गये प्रभु के सात वचनों को सुनाया गया
गुड फ्राइडे के दिन क्रूस पर दिये गये प्रभु के सात वचनों को सुनाया गया। प्रभु यीशु के मानने वाले इन सात वचनों को आत्मसात कर उनके जीवनमें अपनाने का संकल्प लिया। मसीहियों का यह विश्वास है कि आज के दिन को शुभ श्करावरा इसलिए कहा जाता है क्योंकि आज के ही दिन प्रभु यीशु मसीह ने समस्त मानव जाति को उनके पापों से बचाने के लिए अपने प्राण दिये और सभी को उद्धार का अवसर प्रदान किया।

मृत्यु के तीन दिन बाद पुन: जीवित हो उठे प्रभु यीशु
क्रूस पर चढ़ाये जाने के तीन दिन बाद प्रभु यीशु मसीह पुन: जीवित हो उठे। उन्होंने अपने शिष्यों से मिल कर उन्हें धर्म के प्रचार का संदेश दिया। 40 दिन बाद वह स्वर्ग चले गये। ईसा मसीह के 12 शिष्यों ने ईसा के जाने के बाद ईसा मसीह के संदेशों का प्रचार प्रसार किया। प्रभु यीशु मसीह ने हमेशा सभी के लिए अच्छा ही किया। उन्होंने उन लोगों के लिए अच्छा ही सोचा जिन्होंने उन्हें मृत्युदंड दिया था। इसलिए उनके अनुयायी इस दिन को गुडफ्राइडे के रूप में मनाते हैं।