वैसे तो टीवी सीरियल्स में ना जाने कितने कलाकारों ने काम किया होगा। लेकिन रामानन्द सागर कृत ‘रामायण’ की बात ही अलग है। यह एक ऐसा दौर था जब किसी किसी घरों में टीवी हुआ करता था और लोग एकजुट होकर रामायण का प्रसारण देखा करते थे। रामायण एक ऐसा सीरियल था, जिसने इसके कलाकारों को एक अलग पहचान दिलाई। फिर चाहे वह राम हों या रावण। लोग उन्हें रील के बजाय रियल लाइफ में भी भगवान मानने लगे थे। इसके बारे में बात करते हुए राम बने एक्टर अरुण गोविल ने बताया कि इस सीरियल के बाद उन्होंने पब्लिक प्लेस पर स्मोकिंग छोड़ दिया था। इसी प्रकार सीरियल से जुड़े रावण यानी अरविंद त्रिवेदी जो कि इस समय अब हमारे साथ नहीं हैं, कोरोना के दौरान टीवी पर रामायण देखते हुए भावुक हो उठे थे। उनके जीवन से जुड़े कई किस्से हैं, जो कि काफी प्रचलित हैं। रियल लाइफ में वे भगवान श्री राम और शिव के बड़े भक्त थे।
जिद पर अड़ गए थे महंत
वर्ष 1994 के आस पास की बात है। अरविंद त्रिवेदी अयोध्या के हनुमान गढ़ी पर संकट मोचन के दर्शन करने आये थे। उस समय रेवती बाबा प्रमुख पुजारी थे। वे अरविंद त्रिवेदी को देखकर भड़क गये, अडिग हो गयेथे। उन्होंने कहा कि मैं इन्हें किसी भी कीमत पर हनुमान जी के दर्शन नही करने दूंगा। क्योंकि ये हनुमान जी को बार बार मरकट और श्री राम को वन वन भटकता वनवासी कह कर संबोधित करते रहे है।
घुटनों पर बैठ गया प्रशासन
इस दौरान प्रशासन घुटनों पर बैठ गया था। किन्तु पुजारी जी झुके नहीं। अरविंद त्रिवेदी बिना हनुमान जी के दर्शन किए ही निराश होकर वापस जाना पड़ा। उधर इस घटना के बाद रावण का अभिनय करने पर त्रिवेदी जी एकदम शून्य शिथिल रहने लगे।
श्री राम दरबार
इसके बाद त्रिवेदी जी ने अपने घर के कमरों और दीवारों पर रामचरित मानस के दोहे और चौपाइयों लिखवाए। घर के बाहर एक बड़ा सा बोर्ड लगवाया और उस पर लिखवाया “श्री राम दरबार”। इतना सब कुछ करने के बाद भी उनके मन मे यह संताप रहने लगा कि मैंने बार बार प्रभु श्री राम को भले ही सीरियल में सही परन्तु अपमानजनक शब्द कहे हैं। उन्होने हर साल रामायण का पाठ करवाना शुरू कर दिया इसके प्रायश्चित के लिए। बता दें कि अरविंद त्रिवेदी रियल लाइफ में भी राम के परम भक्त हैं। 5 अक्टूबर 2021 को 83 वर्ष की उम्र में वे स्वर्गलोक वासी हो गए।