महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ (MGKVP) के 47वें दीक्षांत समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को छात्राओं को गहरी सीख दी। उन्होंने कहा कि आज समाज में “लिव-इन रिलेशन” का चलन बढ़ रहा है, लेकिन बेटियों को इससे सावधान रहना चाहिए। राज्यपाल ने चेतावनी देते हुए कहा— “यह समाज आम खाता है और गुठली फेंक देता है। सावधान रहिए, क्योंकि लिव-इन केवल शोषण का माध्यम बन चुका है।”

“लिव–इन में रहकर छोड़ी गईं 80 बच्चियों से मिली हूं”
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने हाल ही में ऐसी 80 बेटियों से मुलाकात की, जिन्हें उनके साथियों ने लिव-इन रिलेशन के बाद छोड़ दिया। कुछ के पास 2 महीने तो कुछ के पास 1 साल के बच्चे हैं। उन्होंने कहा, “पहले साथ रहते हैं, फिर छोड़ देते हैं। यह समाज शोषण करता है। बेटियों को सोचना होगा कि वे अपने भविष्य के साथ कैसा जोखिम उठा रही हैं।”

“पॉक्सो एक्ट पर काम करने की जरूरत”
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बताया कि एक हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने उनसे पॉक्सो एक्ट के मामलों पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसे अपराधी भाग जाते हैं और न्याय प्रक्रिया अधूरी रह जाती है। उन्होंने विश्वविद्यालयों (MGKVP) से आग्रह किया कि वे इस विषय पर अध्ययन और सर्वे करें ताकि ऐसी बच्चियों तक पहुंचकर उन्हें मदद मिल सके।

“चार बच्चियों की कहानी सुनकर हिल गई”
उन्होंने भावुक स्वर में कहा कि उन्होंने 40 बेटियों को बंद कमरे में बुलाकर उनकी बातें सुनीं। उनमें से चार ने जब अपने अत्याचारों की कहानी सुनाई तो वे स्तब्ध रह गईं — “एक ने कहा पिताजी प्रताड़ित करते थे, दूसरी ने कहा मामा, तीसरी ने बताया काका, चौथी ने कहा पड़ोसी… बेटियों ने हिम्मत दिखाई और FIR दर्ज कराईं। ऐसे लोग जेल में हैं, लेकिन बाकी बच्चियों की बातें सुनने की हिम्मत नहीं रही।”

MGKVP: दीक्षांत समारोह रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में हुआ
इस बार महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ (MGKVP) का दीक्षांत समारोह पहली बार कैंपस से बाहर रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। समारोह में कुल 101 छात्रों को 103 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए, जिनमें 3 ट्रांसजेंडर छात्र भी शामिल रहे। मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री प्रो. सरोज चूड़ामणि गोपाल (AIIMS, नई दिल्ली) उपस्थित थीं।
राज्यपाल ने छात्रों (MGKVP) की कम उपस्थिति पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “विश्वविद्यालय में छात्रों की उपस्थिति 75% से कम नहीं होनी चाहिए। अगर नहीं होगी, तो परीक्षा निरस्त कर दूंगी।”

हॉस्टलों की अव्यवस्था पर भी दिखाया सख्त रुख
राज्यपाल ने आचार्य नरेंद्र देव हॉस्टल (MGKVP) का भी जिक्र करते हुए कहा कि हॉस्टलों में पुलिस और अराजक तत्वों का रहना अस्वीकार्य है। उन्होंने आदेश दिया कि PAC जवानों को हॉस्टल से हटाया जाए और जो छात्र बिना पढ़ाई के हॉस्टल में रह रहे हैं, उन्हें तुरंत निकाला जाए।

“नशे से मुक्ति और स्वच्छता का संकल्प लें”
उन्होंने कहा कि हॉस्टलों के बीच खाली जगहों में शराब की बोतलें और नशे के सामान देखे गए हैं, जो अत्यंत चिंता का विषय है। उन्होंने युवाओं से नशा छोड़ने की अपील की— “केंद्र सरकार नशा मुक्ति अभियान चला रही है, लेकिन अगर हमारे युवा ही नशा करेंगे तो देश कैसे आगे बढ़ेगा? हमें नशा छोड़ना होगा, तभी सच्ची खुशियां मिलेंगी।”

“सफाई के लिए प्रधानमंत्री नहीं आएंगे, हमें खुद करना होगा”
राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं से कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी से स्वच्छता का अभियान शुरू किया, तो विद्यापीठ के छात्र-छात्राओं को भी आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा— “प्रधानमंत्री विद्यापीठ में सफाई करने नहीं आएंगे, हमें खुद यह जिम्मेदारी उठानी होगी।”