Hanuman Jayanti: मोक्ष नगरी काशी एक बार फिर बनी भक्ति और श्रद्धा का गढ़, जब दक्षिणी छोर पर स्थित भिखारीपुर तिराहे से श्री हनुमत सेवा समिति, नेवादा द्वारा आयोजित 22वीं श्री हनुमान ध्वजा यात्रा का शुभारंभ हुआ। शनिवार को प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त पवनपुत्र हनुमान जी के जन्मोत्सव पर आयोजित इस भव्य यात्रा ने संपूर्ण वाराणसी को राममय कर दिया।

गगनभेदी उद्दघोष से गूंज उठी काशी
भगवान भास्कर की स्वर्णिम किरणों के साथ जैसे ही सुबह की शुरुआत हुई, 11 बटुकों ने वेदों के मंत्रोच्चार के साथ षोडशोपचार (Hanuman Jayanti) पूजन एवं आरती कर शुभारंभ कराया। आकाश गूंज उठा — “जय श्रीराम”, “बोलो बजरंगबली की जय”, “हर हर महादेव” जैसे नारों से, और काशी का कण-कण भक्तिमय हो उठा।

धूप की परवाह किए बिना हजारों श्रद्धालु नंगे पांव, हाथों में पूजन थाल और केशरिया ध्वज लहराते हुए संकट मोचन दरबार की ओर बढ़ते रहे। इस पावन यात्रा में राजनीति भी भक्ति में रंग गई — कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर बीजेपी विधायक सौरभ श्रीवास्तव तक, सभी बजरंग बली (Hanuman Jayanti) की भक्ति में लीन दिखे। कहीं वे नाचते-गाते दिखे, तो कहीं हनुमान जी की पालकी को कंधा देकर अपनी श्रद्धा व्यक्त करते नजर आए।

21 फीट की गदा बनी आकर्षण का केंद्र
तीन किलोमीटर लंबी इस अलौकिक यात्रा (Hanuman Jayanti) में सात राज्यों से आए 20 हज़ार से भी अधिक श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। 40 फीट ऊंचे रथ पर विराजमान राम दरबार की जीवंत झांकी, शिवजी का विशाल त्रिशूल और 21 फीट की गदा — सबके आकर्षण का केंद्र बने। 2200 भक्तों ने हाथों में गदा लेकर बजरंग बली का रूप धारण किया, संकीर्तन मंडलियों ने मधुर भजनों से वातावरण को मंत्रमुग्ध कर दिया।

200 से अधिक लगे सेवा स्टॉल
सेवा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 200 से अधिक सेवा स्टॉल लगाए गए, जहां श्रद्धालुओं को फल, लस्सी, जूस, छाछ, मिठाइयां व फलाहार उपलब्ध कराया गया। भक्तों को प्रसाद स्वरूप 1001 किलो लड्डू का भोग वितरित किया गया — जो स्वयं हनुमान जी को अर्पित कर जन-जन में बांटा गया।

काशी को मांस-मदिरा मुक्त क्षेत्र बनाने की शपथ के संकल्प के साथ यात्रा की शुरुआत हुई। “अभियान पवित्र काशी” की विशेष झांकी ने शुद्ध और पावन काशी की परिकल्पना को साकार रूप में प्रस्तुत किया।
झांकियों ने मानों त्रेतायुग को वर्तमान में ला खड़ा किया
यात्रा (Hanuman Jayanti) में वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों की अद्वितीय झांकियां भी शामिल रहीं जैसे कि रामसिंहपुर, अदलपुरा, कोनियां, लखरांव, बजरडीहा आदि और इन झांकियों ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। राम दरबार, शिव-पार्वती, हनुमान जी की जीवंत झांकियों ने जैसे त्रेतायुग को वर्तमान में ला खड़ा किया।
इस ऐतिहासिक आयोजन (Hanuman Jayanti) की अगुवाई काशी के संत-महंतों, वैष्णव-शैव परंपरा के विद्वानों, बैरागी-दंडी स्वामियों और गणमान्यजनों ने की। इसके अध्यक्ष रामबली मौर्य, कोषाध्यक्ष अजय मौर्य और संरक्षक डॉ. संतोष ओझा समेत समिति के सभी सदस्य आयोजन की सफलता के सूत्रधार रहे।
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