गुवाहाटी हाई कोर्ट {Guwahati High Court} ने आज दिव्यांग बच्चों को लेकर एक अहम फैसले सुनाया है। हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि विशेष योग्यजन/दिव्यांग बच्चों को अपने पिता के साथ रहने का कानूनी अधिकार है और इस कानूनी अधिकार के कारण बच्चों के सरकारी कर्मचारी पिता का सेवाशर्तों के आधार पर दूसरी जगह तबादला नहीं किया जा सकता क्योंकि इस तबादले के कारण बच्चे की पुनर्वास प्रक्रिया में बाधा आ सकती है।
Guwahati High Court : 15 दिन में तर्कसंगत आदेश पारित करें
एक विशेष योग्यजन बच्चे के पिता जो कि अपने तबादले के कारण काफी परेशान चल रहे थे। इसके बाद उनकी याचिका पर जस्टिस अचिंत्य मल्ला बुजोर बरुआ ने यह टिप्पणी की है उन्होंने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को निर्देश दिए कि पिता के ज्ञापन पर इस दृष्टिकोण से विचार कर 15 दिन में तर्कसंगत आदेश पारित करें।
कोर्ट {Guwahati High Court} ने कहा कि सरकारी कर्मचारी के पास अपनी पसंद की पोस्टिंग पाने का कानूनी अधिकार नहीं है लेकिन देखभाल करने वाले पिता के साथ रहना विशेष योग्यजन बच्चे का कानूनी अधिकार है ताकि उसकी पुनर्वास गतिविधियां प्रभावित न हो।
कोर्ट {Guwahati High Court} ने कहा कि बच्चे के इस अधिकार को केंद्र सरकार ने 6 जून 2014 के ऑफिस मैमोरेण्डम के जरिये मान्यता दी है कि विशेष योग्यजन बच्चे की देखभाल करने वाले सरकारी कर्मचारी का तबादला करने से उसके बच्चे के व्यवस्थित पुनर्वास पर असर पड़ सकता है। इस मैमोरेण्डम को असम सरकार ने स्वीकार किया है।