Gyanvapi ASI Survey Order: ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे के वाराणसी कोर्ट के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की है। जिस पर जल्द सुनवाई होने की उम्मीद है।
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सैयद मोहम्मद यासीन ने कहा कि बीते 12 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में स्थित फव्वारे की कार्बन डेंटिंग और वैज्ञानिक सर्वेक्षण (Gyanvapi ASI Survey Order) का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। अब उसके अगल-बगल के क्षेत्र का ASI सर्वे का आदेश अदालत ने दिया है।
यासीन ने आगे कहा कि 19 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि यह एक गंभीर मसला है। इसमें जल्दबाजी दिखाने की ज़रूरत नहीं है। जिला अदालत को बताया भी गया था कि वैज्ञानिक सर्वेक्षण (Gyanvapi ASI Survey Order) पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है। हमें देश की सुप्रीम अदालत और कानून पर पूरा भरोसा है। हमारे साथ अन्याय नहीं होगा।
Gyanvapi ASI Survey Order: सोमवार को सौंपी जाएगी ASI को कोर्ट के आदेश की कॉपी
गौरतलब है कि सील वजूखाने (विवादित एरिया) को छोड़कर ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे (Gyanvapi ASI Survey Order) संबंधी जिला जज के आदेश की प्रति सोमवार को हिंदू पक्ष की ओर से सारनाथ स्थित ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) के कार्यालय में दी जाएगी। इसकी जानकारी हिन्दू पक्ष के के अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने दी। सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि शनिवार को सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।
सोमवार को कोर्ट के आदेश की एक कॉपी ASI के अधिकारियों को सौंपकर उनसे वादी और प्रतिवादी पक्ष की बैठक बुलाकर सर्वे (Gyanvapi ASI Survey Order) का काम जल्द शुरू कराने की मांग की जाएगी। अधिवक्ता ने आगे कहा कि हाईकोर्ट या सुप्रीमकोर्ट में इसके लिए कैविएट दाखिल की जाएगी। इसके लिए भी तैयारी पूरी कर ली गई है। हमारी प्राथमिकता में ज्ञानवापी में एएसआई से सर्वे शुरू करा कर वैज्ञानिक तरीके से वास्तविक तथ्यों को सामने लाना है।
बिना इमारत को नुकसान पहुंचाए की जाएगी जाँच
गौरतलब है कि जिला जज डॉ० अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने शुक्रवार को ज्ञानवापी परिसर (सील वजूखाने को छोड़कर) का सर्वे करने का आदेश (Gyanvapi ASI Survey Order) एएसआई को दिया है। सर्वे रिपोर्ट चार अगस्त तक अदालत में जमा करनी है। सात पेज के आदेश में अदालत ने कहा है कि इमारत की संरचना को नुकसान पहुंचाए बगैर वैज्ञानिक तरीके से जांच करनी है। यह बताना है कि क्या मंदिर के ऊपर मस्जिद बनाई गई है? इसके अलावा इस सर्वे के बाद हिन्दू पक्ष के कई दावों पर से पर्दा उठने की उम्मीद है। जिसमें उन्होंने परिसर के भीतर एक और शिवलिंग होने की बात कही थी।