वाराणसी। ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी (Gyanvapi ASI Survey) मूलवाद में 1993 से बैरिकेटेड एरिया का एएसआई से राडार पद्धति के आधार पर सर्वे कराने के आवेदन पर शुक्रवार को जिला जज डॉ० अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई पूरी हुई। अदालत ने हिन्दू पक्ष और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद पक्ष की दलीलें सुनने के बाद 21 जुलाई को आदेश के लिए पत्रावली सुरक्षित रख लिया है। अदालत में हिंदू पक्ष की 4 महिला वादिनियों रेखा पाठक, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी, सीता साहू की ओर से 16 मई को आवेदन देकर कहा गया था कि सील वजूखाने को छोड़कर बाकी एरिया का ASI से राडार तकनीक से सर्वे कराया जाय।
इस पर बीते 19 मई को अंजुमन इंतजामिया ने आपत्ति (Gyanvapi ASI Survey) की थी और हिंदू पक्ष ने 22 मई को अपनी दलील रखी थी। 7 जुलाई को जिला जज के अवकाश पर रहने के कारण 12 जुलाई की तारीख पड़ी और हिन्दू पक्ष ने इस आवेदन के निस्तारण पर बल दिया। जिसके बाद अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने आपत्ति के लिए समय मांगा। जिसपर अदालत ने सुनवाई हेतु 14 जुलाई की तिथि निर्धारित की। इस दौरान केंद्र सरकार के वकील अमित श्रीवास्तव भी कोर्ट में उपस्थित हुए।

Gyanvapi ASI Survey: वजूस्थल छोड़ सभी स्थानों का कराया जाय सर्वे
अदालत में हिन्दू पक्ष की दलील रख रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि वजूस्थल छोड़कर खाली स्थान का सर्वे (Gyanvapi ASI Survey) कराया जाय। मुख्य गुम्बद के नीचे से धब-धब की आवाज आ रही है। उसके नीचे एक और शिवलिंग मिलने की आशंका जताई गई। पश्चिमी दीवार और पूरे परिसर का सर्वे कराने से इतिहास सामने आएगा। विष्णु शंकर जैन ने कहा कि कोर्ट बिना आवेदन के भी सर्वे का आदेश दे सकता है। यह साक्ष्य एकत्र करने के लिए और मौका को समझने के लिए कोर्ट कर सकती है। एएसआई (ASI) सर्वे के लिए सुप्रीम कोर्ट का आदेश बाधित नहीं करता है और सुप्रीमकोर्ट ने ट्रायल पर भी नहीं रोक लगाई है।
वहीं दूसरी ओर अंजुमन इंतजामिया कमेटी की ओर से कहा गया कि हाईकोर्ट के 12 मई के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट का 19 मई से स्टे है। उसी आर्डर के क्रम में इस एएसआई सर्वे (Gyanvapi ASI Survey) का आवेदन दिया गया है। जिसे सुनने का अधिकार जिला जज को नहीं है।
वहीं हिन्दू पक्ष के मान बहादुर सिंह ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने पर कहा कि इससे वैमनस्यता फैली गई फिर भी हिंदू पक्ष कलेजे पर पत्थर रखकर इसे सहन कर रहा है। यह एक ऐतिहासिक साक्ष्य है कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान अंजुमन की ओर से मुमताज अहमद, रईस अहमद, एखलाक अहमद ने दलीले रखीं, जबकि हिन्दू पक्ष की ओर से सुधीर त्रिपाठी, सुभाष नंदन चतुर्वेदी, अनुपम द्विवेदी, प्रदेश सरकार की ओर से राजेश मिश्र और केंद्र सरकार की तरफ से अमित श्रीवास्तव मौजूद रहे।