वाराणसी के ज्ञानवापी मुद्दे पर फैसले का इंतजार कर रहे लोगों को अभी थोड़ा और इंतज़ार करना पड़ सकता है। इससे जुड़े जिन तीन मामलों पर सुनवाई होनी थी, वह अब आगे 18 नवंबर के लिए टल गई है।
सिविल जज सीनियर डिवीजन कुमुद लता त्रिपाठी की अदालत में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से दाखिल की गई सुनवाई एक बार फिर से टल गई। जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद में मिले तथाकथित शिवलिंग कि पूजा करने की अनुमति मांगी गई थी। कोर्ट के पीठासीन अधिकारी ने अवकाश होने पर अगली सुनवाई के लिए 18 नवंबर कि तिथि बताई है।
दूसरी ओर मुख्तार अहमद की ओर से ज्ञानवापी मामले में दाखिल वाद में वादी मुख्तार की तरफ से दिए गये ज्ञानवापी के सर्वे के मामले में विपक्षी से आपत्ति मांगी गई है। जिसकी सुनवाई की तारीख 8 दिसम्बर नियत कर दी गई। यह मामला सिविल जज फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट सीनियर डिवीजन महेंद्र पाण्डेय की अदालत में लंबित है। जिसमें उर्स करने और हिंदुओं का प्रवेश वर्जित करने की मांग की गई है।
इन तीन मामलों पर होनी है सुनवाई
मां श्रृंगार गौरी केस
ज्ञानवापी मां श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई 2 नवंबर को वाराणसी जिला जज डॉ० अजय कृष्ण के अदालत में हो चुकी है। जिसमें ज्ञानवापी परिसर में तहखाने को तोड़कर और मलबे को हटाकर कमीशन की कार्रवाई आगे बढ़ाने की मांग पर सुनवाई हुई। मामले में मुस्लिम पक्ष यानि अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से आपत्ति दाखिल की गई। हिंदू पक्ष की ओर से प्रति आपत्ति दाखिल करने के लिए अदालत ने 11 नवंबर यानि शुक्रवार की तिथि तय की थी।
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि वादी पक्ष ने 82 ग के तहत कमीशन की कार्यवाही आगे बढ़ाने की बात अदालत में कही है। उस पर प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने अपनी अपत्ति कोर्ट में दाखिल कर दी है। जिस पर अदालत ने वादी पक्ष को अपना पक्ष रखने के लिए 11 नवंबर की तारीख बताई थी।
पूजा का अधिकार
ज्ञानवापी परिसर में मिले तथाकथित शिवलिंग पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पूजा-पाठ, भोग एवं आरती करने को लेकर अर्जी दाखिल की थी। उन्होंने दाखिल अर्जी में कहा था कि कानूनन देवता की परिस्थिति एक जीवित बच्चे के समान होती है। अनुच्छेद 21- के तहत देवता को अन्न-जल आदि नहीं देना दैहिक अधिकार के स्वतंत्रता का उल्लंघन है। ऐसे में हिन्दुओं के उनके देवता के पूजा-पाठ की अनुमति दी जाय।
शिवलिंग के संरक्षण पर आज सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले ‘शिवलिंग’ के संरक्षण की अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है। इस मुद्दे पर विचार के लिए एक पीठ का भी गठन किया जाना है। सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग को संरक्षित करने की समय सीमा 12 नवंबर से बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई होगी।
हिंदू पक्ष की ओर से वकील विष्णु शंकर जैन ने गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख करते हुए याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग की सुरक्षा के मामले पर आज दोपहर तीन बजे सुनवाई तय की है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले आदेश में वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि मस्जिद के अंदर जिस स्थान पर ‘शिवलिंग’ मिला है, उसे सुरक्षित रखा जाए।