Gyanvapi Old Case: ज्ञानवापी के सबसे पुराने मुकदमे प्राचीन स्वयंभू लॉर्ड विश्वेश्वर के मुकदमे की सुनवाई मंगलवार को सिविल जज सीनियर डिवीज़न फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में पूरी हो गई। इस मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से मुख़्तार अहमद अंसारी को पक्षकार बनाए जाने पर बहस हुई।
कोर्ट में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश की, जज को इस केस में नए पक्षकार के शामिल करने या ना शामिल करने के तथ्य भी पेश किए गए। FTC जज प्रशांत कुमार ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद केस में फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसका फैसला 6 अप्रैल को जज सुनायेंगे।
लॉर्ड विश्वेश्वर के वादी मित्र विजय शंकर रस्तोगी की तरफ से शपथ पत्र के साथ आवेदन देकर आपत्ति भी दाखिल की गई है। हालांकि इसे केस में शामिल किया गया। ASI की ओर से स्टैंडिंग गवर्निंग काउंसिल अमित श्रीवास्तव ने अपना पक्ष रखा।
Gyanvapi Old Case: क्या बोले अधिवक्ता
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मोहन यादव ने बताया कि ज्ञानवापी प्रकरण के मूल वाद प्राचीन स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ के मामले में मुख़्तार अहमद के द्वारा पक्षकार बनने के लिए दिए प्रार्थना पत्र पर न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। मुख़्तार के द्वारा दायर वाद में ज्ञानवापी में चादरपोशी सहित अन्य धार्मिक आयोजनों की मांग की गई है। अन्य केस में मुख़्तार का बयान होना था, अधिवक्ताओं के हड़ताल होने के चलते अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी।