Gyanvapi Survey Report: ज्ञानवापी परिसर में लगभग 100 दिन चले ASI सर्वे का काम पूरा हो चुका है। वाराणसी जिला न्यायालय में ASI की टीम को मंगलवार को सर्वे रिपोर्ट पेश करना था। ASI ने कोर्ट से रिपोर्ट पेश करने के लिए तीन सप्ताह और समय की मांग की है। जिस पर कोर्ट में बुधवार को सुनवाई होगी।
वाराणसी जिला जज डॉ० अजय कृष्ण विश्व्वेश की अदालत में ASI की ओर से अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने प्रार्थना पत्र दिया है। ASI के ओर से दिए एप्लीकेशन में कहा गया है कि सर्वे रिपोर्ट [Gyanvapi Survey Report] तैयार हो रही है। लेकिन जीपीआर तकनीक की जांच को सिस्टम से लगाने के लिए तैयार किया जा रहा है। जिसमें समय लग रहा है। जिसके कारण रिपोर्ट जमा करने की समयावधि बढ़ाई जाए। अब इस एप्लीकेशन पर बुधवार को सुनवाई होनी है।
गौरतलब है कि कोर्ट पिछली बार भी ASI की टीम को मोहलत देने पर नाराज हुआ था। ASI की टीम ने कोर्ट से 15 दिनों की मोहलत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने नाराजगी दिखाते हुए उसे दस दिनों का मोहलत प्रदान किया था। ASI ने बताया था कि सर्वे का काम 2 नवंबर तक पूरा हो चुका है। अब रिपोर्ट [Gyanvapi Survey Report] तैयार करने में वक़्त लग रहा है। कोर्ट अब तक ASI को दो बार मोहलत प्रदान कर चुका है।
डॉ० अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बीते 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सील वजूखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर के सर्वे (Gyanvapi Survey Report) का आदेश दिया था। ASI की टीम ने 24 जुलाई से सर्वे का काम शुरू किया। इसी दौरान अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी सर्वे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे के आदेश पर रोक लगाई और मसाजिद कमेटी को इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने का आदेश दिया।
हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनते हुए 4 अगस्त को जिला जज के आदेश को सही ठहराया। ASI की टीम ने 4 अगस्त से लगातार सर्वे का काम शुरू किया। जो अक्टूबर अंत तक चला। 2 नवंबर को ASI ने जिला जज की अदालत को बताया कि सर्वे पूरा हो गया है, लेकिन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है। GPR तकनीक से हुए सर्वे की रिपोर्ट बनाने में समय लग रहा है। अदालत ने दो बार समय सीमा बढ़ाई थी। मंगलवार को समय सीमा पूरी हो गई।
Gyanvapi Survey Report: मुस्लिम पक्ष ने हर पल अदालत के ऑर्डर को दी चुनौती
सर्वे का मामला लंबे समय तक विवादों में फंसा रहा। जिला जज की अदालत के आदेश को अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट और फिर हाई कोर्ट में चुनौती दी। सर्वे शुरू हुआ तो अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के पदाधिकारी से थोड़ी अनबन हो गई। कमेटी के पदाधिकारियों ने हिंदू पक्ष और ASI पर मनमानी का आरोप लगाया और दो दिनों के लिए सर्वे रोक दिया। बाद में जिला जज की अदालत ने सर्वे को आगे बढ़ाने का आदेश दिया। तब जाकर मामला सुलझ सका। अब रिपोर्ट [Gyanvapi Survey Report] दाखिल होने और मामले में सुनवाई होने का इंतजार है।