Gyanvapi Update: ज्ञानवापी मामले में एक ओर जहां गुरुवार को हाईकोर्ट से ASI सर्वे को लेकर आने वाले फैसले का सभी को इंतज़ार है। वहीँ दूसरी ओर हिन्दू पक्ष की ओर से बुधवार को कोर्ट में दायर की गई याचिका ने सबको चौंका दिया है। हिन्दू पक्ष की ओर से वादिनी राखी सिंह ने कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें मुस्लिम पक्ष पर साक्ष्य मिटाने के आरोप लगाए हैं। वहीं उन्होंने कोर्ट से मुस्लिम पक्ष को अंदर जाने से रोकने की मांग की है। कोर्ट ने इस बाबत याचिका स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की तारीख 4 अगस्त की निर्धारित की है।
गौरतलब है कि राखी सिंह श्रृंगार गौरी मामले (Gyanvapi Update) की मुख्य याचिकाकर्ता हैं। विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष संतोष सिंह ने बताया कि श्रृंगार गौरी मामले की याचिकाकर्ता राखी सिंह ने कोर्ट में याचिका प्रस्तुत की है। जिसमें हिन्दू पक्ष के ओर से मुस्लिम पक्ष को ज्ञानवापी परिसर में अंदर न जाने की मांग की गई है। हम सभी को कोर्ट के फैसले का इंतज़ार है। जब कोर्ट हिन्दुओं के पक्ष में फैसला सुनाएगा और समस्त हिन्दू ज्ञानवापी परिसर में भगवान आदि विश्वेश्वर का भव्य मंदिर बनवाएंगे।
बता दें कि ज्ञानवापी के ASI सर्वे मामले (Gyanvapi Update) में इलाहाबाद हाईकोर्ट शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगा। इस मामले में मुस्लिम पक्ष के ओर से वाराणसी जिला जज के ASI सर्वे किए जाने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीमकोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाते हुए मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट जाने को निर्देशित किया था।

Gyanvapi Update: 3 अगस्त को बढेंगी दोनों पक्ष के दिलों की धड़कनें
हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने की तारीख 3 अगस्त की निर्धारित की है। इस दौरान कोर्ट ने ASI के वैज्ञानिकों को भी तलब किया था। उनसे सर्वे और उस दौरान होने वाली खुदाई संबंधी प्रश्न किये थे। वैज्ञानिकोण ने कोर्ट को एक सप्ताह तक किसी भी प्रकार की खुदाई न कराने के लिए आश्वस्त किया था।
हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना। इसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। 3 अगस्त को इस मामले में कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है। तब तक के लिए ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वेक्षण (Gyanvapi Update) पर रोक जारी रहेगी।
सरकार के ओर से कोर्ट को जानकारी दी गई कि मंदिर CISF सुरक्षा में है। कोर्ट ने हिन्दू पक्ष से पूछा कि वाद Gyanvapi Update) तय करने में देरी क्यों हो रही है? जिसपर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट कार्यवाही की जानकारी दी।
Gyanvapi Update: मुस्लिम पक्ष ने Worship Act 1991 की दी दुहाई
दूसरी ओर, मुस्लिम पक्ष के वकील एसएफए नकवी ने कोर्ट को बताया कि 1947 से भवन की यही स्थिति है। जिसमें बदलाव नहीं किया जा सकता है। प्लेस ऑफ़ वर्शिप एक्ट की धारा 3 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति पूजा स्थल की पृकृति में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं कर सकता।
इससे पूर्व बुधवार को भी इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें ASI (Gyanvapi Update) के वैज्ञानिकों को कोर्ट में तलब किया गया था। ASI के अपरनिदेशक ने हलफनामा दायर करते हुए कोर्ट को बताया था कि सर्वे से भवन को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होगा। चीफ जस्टिस प्रीतिकर दिवाकर की खंडपीठ में सुनवाई हुई।

विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट में कोर्ट में एक सवाल के जवाब में कहा कि मोहम्मद गजनी से लेकर कई बार मंदिरों को तोड़ा गया। आजादी के बाद सभी को पूजा अधिकार मिला। भवन पुराना है पर हिंदू मंदिर है। कोर्ट न्याय हित में जरूरी समझे तो विशेषज्ञ जांच का आदेश दे सकती है।
भवन के भीतर मंदिर के अवशेष हैं। हमारे पास इसके साक्ष्य मौजूद हैं। ASI जांच कर पता कर सकती है। औरंगजेब ने मंदिर तोड़ा, निर्माण नहीं किया। मुस्लिम्स ने मंदिर की दीवार पर मस्जिद का रूप दिया।
विष्णु शंकर जैन ने टैबलेट से चीफ जस्टिस को फोटोग्राफ (Gyanvapi Update) भी दिखाया। जैन ने कहा- ज्ञानवापी परिसर के अंदर संस्कृत श्लोक, पुराने ज्योतिर्लिंग, हिंदू कलाकृतियां आदि मौजूद हैं। हमारे आवेदन के साथ पश्चिमी दीवार की एक तस्वीर है। हम बैरिकेडिंग एरिया का सर्वे चाहते हैं।
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दूसरी ओर इस मामले में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ओर से जारी एक बयान ने भी बेचैनी बढ़ा दी है। सीएम योगी के अनुसार, मंदिर पूरी तरह से हिन्दुओं का है। सीएम ने एक न्यूज़ एजेंसी को दिए इंटरव्यू के दौरान इन बातों का जिक्र किया। जिससे स्थिति थोड़ी साफ हो गई है।

सीएम योगी ने न्यूज़ एजेंसी को दिए इंटरव्यू में ज्ञानवापी पर सवाल पूछे जाने पर कहा कि उसे मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा। भगवान ने जिसे दृष्टि दी है, वो देखे न। त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है? हमने तो नहीं रखे हैं न। ज्योतिर्लिंग है, देव प्रतिमाएं हैं। पूरी दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं। पूरी खबर के लिए यहां क्लिक करें