वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर (Gyanwapi Row) में मिले कथित शिवलिंग के पास वजूखाने में गंदगी करने और नेताओं की बयानबाजी को लेकर अखिलेश यादव, ओवैसी प्रकरण में शनिवार को अपर जिला जज की कोर्ट में निगरानी अर्जी पर सुनवाई टल गई। इस विपक्षी को अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया है। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई छह मई की तिथि नियत की है। पिछले दिनों पर एसीजेएम /एमपी-एमएलए उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत ने वादी की अर्जी खारिज कर दी थी।
प्रकरण के अनुसार वादी हरिशंकर पांडेय और उनके अधिवक्ता हरिओम त्रिपाठी व अजय प्रताप सिंह के माध्यम से जिला जज की कोर्ट में निगरानी अर्जी दाखिल की है। निगरानी अर्जी में कहा गया की निचली अदालत ने सरसरी तौर से वीना न्यायिक विवेक के इस्तेमाल किए वादी की अर्जी खारिज कर दी।
अर्जी में कहा गया की कि एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बरामद शिवलिंग को लेकर हिदुओं को भड़काने वाला बयान दिया था। ज्ञानवापी में काफी संख्या में एक विशेष वर्ग के लोग सैकड़ो कि संख्या में जुटकर भड़काऊ नरेबाजी कि इस मामले में ज्ञानवापी मस्जिद के अंजुमन इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल वाकी, मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, कमेटी के संयुक्त सचिव सैय्यद मोहम्मद यासीन और बयान दिया जो अपराध के क्षेणी में आता है। मगर निकली अदालत ने अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर वादी की अर्जी खारिज कर दी थी। जो की विधि के अनुरूप नही है। निगरानी अर्जी स्वीकार करते हुए लोअर कोर्ट के आदेश अपदस्त करने की गुहार लगाई।
एक साथ सुनवाई पर नहीं आया आदेश
वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर पर कब्जा, भगवान आदि विश्वेश्वर को सौंपने आदि सभी मामले एक साथ एक कोर्ट में सुनवाई करने सबंधित प्रार्थना पत्र पर शनिवार को भी आदेश नही आ पाया। जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट ने अगली आदेश 17 अप्रैल मार्च की तिथि नियत की है।
शृंगार गौरी प्रकरण के चार वादिनियों लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से आवेदन दिया गया है। कहा गया है कि किरण सिंह और अन्य की ओर से दाखिल वाद को स्थानांतरण कर स्वयं जिला जज की कोर्ट सुनने के आदेश देने को गुहार लगाई गई थी। इस अर्जी पर सभी पक्ष के सुनने के बाद आदेश के लिए तिथि नियत की है।