भारत के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक, एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने अपना नया टारगेट सेट किया है। बैंक हर महीने में 10 लाख क्रेडिट कार्ड जारी करने की योजना बना रहा है। क्रेडिट कार्ड जारी करने के मामले में यह बैंक के लिए एक उल्लेखनीय उछाल है क्योंकि दो साल पहले रेगुलेटर ने बैंक को नए कार्ड जारी करने से प्रतिबंधित कर दिया था।
पेमेंट बिजनेस, कंज्यूमर फाइनेंस, डिजिटल बैंकिंग और मार्केटिंग के कंट्री हेड पराग राव (Parag Rao) के मुताबिक, बैंक हर महीने जारी होने वाले 5 लाख नए क्रेडिट कार्ड की संख्या को दोगुना करना चाहता है। राव ने कहा कि फर्म आने वाले हफ्तों में कार्ड पर खर्च बढ़ाने के लिए ऑनलाइन रिटेल से लेकर फूड डिलीवरी तक कई तरह के उद्योगों में साझेदारी करने की घोषणा करने वाली है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल अगस्त में आठ महीने के लंबे कार्ड प्रतिबंध के हटाए जाने के बाद से एचडीएफसी ने तेजी से रिकवरी की है। दरअसल, लेंडर अपने ग्राहकों को बार-बार परेशान करने वाली ऑनलाइन गड़बड़ियों होने के कारण मिली सजा से उबरने की कोशिश कर रहा है।
रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के आंकड़ों से पता चला है कि बैंक की भारत में अक्टूबर में हुए क्रेडिट कार्ड से कुल खर्च की 29 प्रतिशत हिस्सेदारी रही, जो उसके कॉम्पिटिटर्स में सबसे ज्यादा है। राव ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, “हम न केवल कार्ड जारी करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जो की एक डिस्ट्रीब्यूशन गेम है, बल्कि गहन जुड़ाव पर भी, ग्राहकों को उनके कार्ड में अधिक मूल्य मिलना सुनिश्चित करना और खर्च करना जारी रखना है।”
राव के मुताबिक, अगले कुछ हफ्तों में साझेदारी में दो एयरलाइंस और एक बड़ी होटल श्रृंखला भी शामिल है। उन्होंने कहा कि एचडीएफसी बैंक युवा ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए एक नया डिजिटल क्रेडिट कार्ड विकसित करने के अंतिम चरण में है।
दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश में बैंक ऑनलाइन खरीदारी में ग्रोथ से लाभान्वित होने के लिए तैयार हैं जहां ग्राहक खरीदारी के लिए अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं। Bain & Co Inc की रिपोर्ट के मुताबिक, 20 से 30 करोड़ भारतीयों के इस साल ऑनलाइन रिटेल पर 50 अरब डॉलर खर्च करने का अनुमान है।