Heat Wave Effect: वाराणसी समेत उत्तरप्रदेश के कई जिले इस समय भीषण गर्मी के चपेट में हैं। एक ओर जहां लोग तपती गर्मी से व्याकुल हो उठे हैं, वहीं दूसरी ओर आसमान से बरसती आग (Heat Wave Effect) के चलते मौतों का सिलसिला भी बढ़ गया है। कहा जा रहा है कि इस समय वाराणसी के मणिकर्णिका एवं हरिश्चंद्र घाट पर आने वाले शवों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है।
शवदाह के लिए घाटों पर जगह की कमी होने के कारण लोगों को अंत्येष्टि के लिए घण्टों इंतज़ार (Heat Wave Effect) करना पड़ रहा है। शवयात्रियों को शवों के अंतिम संस्कार के लिए चिलचिलाती धूप में घाट की सीढ़ियों पर घंटों अपना नंबर आने का इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं शवदाह करने आये लोगों का कहना है कि जगह भर जाने के चलते शवयात्रियों को ये इंतजार करना पड़ रहा है।
ऐसा कहा जाता है कि काशी में मिली मौत (Heat Wave Effect) और यहां किये गए दाह संस्कार मृतकों के लिए सीधे मोक्ष के द्वार खोल देती है। मान्यता है कि यहां की आग कभी नहीं बुझती। जिसकी वजह से पर बड़ी संख्या मे अंतिम संस्कार के लिए शव यहां लाए जाते हैं। यहां के घाट पर शवदाह का कर्मकांड चौबीसों घंटे चलता रहता है।

भयंकर गर्मी (Heat Wave Effect) के बीच यहां शवों को लाए जाने का सिलसिला इतना बढ़ गया है कि गंगा घाट की सीढ़ियों पर शवों के साथ लोगों को अंतिम संस्कार के लिए इंतजार करता देखा जा सकता है। यहां पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए 4-4 घंटों का इंतजार करना पड रहा।
Heat Wave Effect: गर्मी से दोगुने आ रहे शव
वहीं मणिकर्णिका घाट के लकड़ी व्यवसायी कैलाश यादव ने बताया कि जहां रोज 60 से 70 शवों को जलाया जाता था वहीं इनकी संख्या बढ़कर 100-सवा सौ के पार हो गई है।
इस बारे में आजमगढ़ से दाह संस्कार (Heat Wave Effect) करने के लिए आए विनय शुक्ला ने बताया कि पिछले 2 घंटे से हम अपने नंबर आने का इंतजार कर रहे हैं। कारण चाहे जो भी हो, लेकिन हमें इस गर्मी में इस धूप में 2 घंटे से वेट करना पड़ रहा है। जिसकी वजह से हमें काफी परेशानी हो रही है।

लालगंज से आए प्रदीप पटेल ने बताया कि नंबर लगा हुआ है, लेकिन काफी देर हो चुकी है और अब तक नंबर नही आया है। पूछने पर भी कुछ पता नही चल पा रहा है क्योंकि गर्मी इतनी ज्यादा है, जिसके वजह से घाट पर डेडबॉडी (Heat Wave Effect) भी ज्यादा हो गयी है और इसी कारण से काफी समय तक इंतजार करना पड़ रहा है।
आजमगढ़ से ही आए एक और शवयात्री पवन कुमार ने बताया कि हमें इंतजार करते करते (Heat Wave Effect) करीब 3 घंटे से ऊपर हो चुका है, लेकिन अभी तक हमारा नम्बर नही आया है। पूछने पर सिर्फ इतना कहा जा रहा है कि नंबर लगा हुआ है। जब सफाई हो जाएगी, उसके बाद नंबर आएगा। गर्मी के चलते डेड बॉडी की संख्या काफी बढ़ गई है। जिसकी वजह से नंबर आने में बहुत समय लग रहा है और इसी के साथ ही धूप से बचने के लिए छांव की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जिससे हमें काफी परेशानी हो रही है।

दाह संस्कार करने के लिए आए शवयात्री सूरज सिंह ने बताया कि बहुत ज्यादा है। डेड बॉडी की संख्या घाटों पर बहुत ज्यादा है। जिसकी वजह से हमें काफी इंतजार करना पड़ा है। हमें लगता है कि इसका कारण बढ़ती गर्मी है जिसकी वजह से लोगों की मौत हो रही है।
वहीं लकड़ी व्यवसायी कैलाश यादव का यह भी कहना रहा कि मणिकर्णिका घाट पर जगह की कमी होने की वजह से शव यात्रियों को इंतजार करना पड़ा है क्योंकि एक बार में सिर्फ 18 लोगों के शवों के जलने की ही जगह है। जब वह शव जल जाते हैं तब दूसरों का नंबर आता है।