Tea: आम तरीके से बनाई गई चाय में हम दालचीनी, अदरक और हरी इलायची, ये मसाले डालकर बनाते हैं। लेकिन अगर इन चीजों को चाय में इस्तेमाल करे तो किसी हेल्थ टॉनिक से कम नहीं होगी। इस तरह से बनी चाय सेहत के लिए लाभकारी मानी जाती है। कुछ लोगों का मानना है कि चाय पीने से न सिर्फ एनर्जी मिलती है बल्कि शाम को चाय पीने से दिनभर का स्ट्रेस भी दूर हो सकता है। ज्यादा चाय सेहत के लिए हानिकारक भी होती है।
चाय में ये पोषक पदार्थ पाये जाते है- प्रोटीन, कार्बोहाइट्रेट, फाइबर और तमाम खनिज और साथ ही इसमें पोटेशियम, जिंक, मैग्नीशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, आयरन, कॉपर, मैगनीज भी पाया जाता है।
चाय का टेस्ट बढ़ाने के लिए ये करें-
चाय का टेस्ट और गुण बढ़ाने के लिए हमारे यहां कई ओल्ड प्रैक्टिस हैं। जैसे चाय में तुलसी के पत्ते डालकर इसे बनाने पर इसका स्वाद और खुशबू दोनों ही लाजवाब हो जाते हैं. ऐसी ही 3 चीजों को अलग-अलग टाइम पर यूज करके चाय बनाने से आपको हर बार चाय का स्वाद भी नया मिलेगा और हेल्थ को भी फायदा होगा।
हरी इलायची
पाचन शक्ति को ठीक रखने के लिए चाय में हरी इलायची का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी खुशबू से मन को भी शांति मिलती है और चाय का स्वाद भी बढ़ जाता है।
दालचीनी (Cinnamon)
चाय में दालचीनी मिलने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है। पेट सही रहता है और मेटाबॉलिज़म को बूस्ट करने में मदद मिलती है। लेकिन दालचीनी का सेवन सीमित मात्रा में करें। अधिक मात्रा में इस्तेमाल करने से सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। एक व्यक्ति दिन भर आधा इंच दालचीनी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अदरक (Ginger)
चाय में अदरक डालकर पीना हमारे यहां पुरानी प्रैक्टिस है। शायद तभी से भारतीयों ने ये तरीका इजाद कर लिया होगा, जब अंग्रेज पहली बार चायपत्ती भारत में लाए होंगे! खैर, चाय में अदरक डालकर पीने से गले और सांस संबंधी रोगों से बचाव होता है। इसलिए बदलते मौसम में चाय में इसका उपयोग जरूर करना चाहिए।
जाने सही विधि-
आजकल चाय बनाने के लिए दूध-पानी-पत्ती इत्यादि को एक साथ डालकर पकने के लिए रख दिया जाता है, जो कि सही प्रैक्टिस नहीं है। आप पहले चायपत्ती-इलायची या सिनमन को पानी में पकाएं। एक उबाल आने के बाद दूध डालें और फिर एक उबाल आने के बाद चीनी डालनी चाहिए।
ऐसा इसलिए क्योंकि चीनी को देर तक आंच पर पकाने से इसके रासायनिक गुणों में बदलाव हो जाता है और ये शरीर के लिए बहुत अधिक हानिकारक बन जाती है। आप ऐसा भी मान सकते हैं कि ये एक स्लो पॉइजन की तरह काम करने लगती है। इसलिए चीनी को देर तक आंच पर नहीं पकाने की सलाह दी जाती है।
Anupama Dubey