- राधेश्याम कमल
International Film Festival [वाराणसी]: नागरी नाटक मंडली प्रेक्षागृह में शुक्रवार को पूर्वाह्न में त्रिदिवसीय द्वितीय मणिकर्णिका इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का आगाज हुआ। इस दौरान फेस्टिवल में सुबह से लेकर रात्रि तक फिल्मों का प्रदर्शन भी किया गया जिसे दर्शकों ने बहुत ही मनोयोग से देखा और इसकी सराहना की। फिल्मों को देखने के लिए खासकर युवाओं की खासी भीड़ रही। कॉलेजों के विद्यार्थी भी पहुंचे थे। वे प्रख्यात फिल्म अभिनेता एवं फिल्मकार सौरभ शुक्ला से रूबरू भी हुए। पहले दिन छ: विदेशी समेत कुल 22 फिल्में [Films] दिखाई गईं।
फिल्मकार सौरभ शुक्ला, फिल्म अभिनेता मुकेश तिवारी, दीपक तिजोरी ने द्वितीय मणिकर्णिका इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इसके बाद फिल्में दिखाने का सिलसिला शुरू हुआ, जो रात नौ बजे तक चला। दोनों हॉल में फिल्म दिखाई गई। पहले दिन छह फिल्में ईरान, इटली, स्पेन, चाइना, फ्रांस एवं यूएस आदि देशों की थीं। हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, कन्नड, तमिल, मलयालम, बंगाली आदि भाषाओं की फिल्में प्रदर्शित की गईं।
Film फेस्टिवल में सौरभ शुक्ला बोले – फ़िल्में समाज का आईना होती हैं
इस अवसर पर जाने माने फिल्मकार और कलाकार सौरभ शुक्ला ने कहा कि देश की सबसे प्राचीनतम नगरी काशी शुरू से ही अध्यात्म एवं दर्शन की नगरी रही है। फिल्मकार अपनी फिल्मों में जो कुछ भी दिखाते हैं उसका समाज पर काफी असर पड़ता है। चिकित्सक अगर गलत इलाज करते हैं तो दो-चार मरीज मरते हैं लेकिन फिल्मकार एवं कमलकार अगर गलत संदेश देते हैं तो इससे पूरा समाज प्रभावित होता है।

कहा कि पहले फिल्मों [Film] में कहानी एवं नायिका का जो प्रेम प्रसंग दिखाये जाते थे एवं जो अपशब्दों का प्रयोग होता था, उससे समाज में गलत संदेश जाता था। उसका लोग गलत दिशा में अनुसरण करते थे लेकिन अब की फ़िल्में सामाजिक चेतना जगाने का कार्य कर रही हैं। कहा कि हम यहां फिल्मों को देखने के लिए नहीं बल्कि फिल्मों को देखने का अनुशासन सृजन करने आये हैं और आगे भी यही मेरा प्रयास रहेगा। क्योंकि जीवन में अनुशासन ही सबसे जरुरी है। इस मौके पर कलाकार मुकेश तिवारी व दीपक तिजोरी ने भी विचार व्य्क्त किये। डॉ० अजीत सैगल ने कलाकारों का स्वागत किया।
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इस अवसर पर नागरी नाटक मंडली के न्यास अध्यक्ष डॉ. संजय मेहता, फिल्म निर्माता राखी ठाकुर एवं साहित्यकार निर्मलकांत भट्टटाचार्य ने साहित्य और चलचित्र पर दर्शकों के साथ परिचर्चा की। महोत्सव के डायरेक्टर सुमित मिश्र ने बताया कि तीन दिनों में कुल 52 फिल्में [Films] दिखाई जाएंगी। शनिवार को 14 और अंतिम दिन 17 फिल्में दिखाई जाएंगी। इसमें से ज्यादा लघु फिल्में हैं, जो 10 मिनट से लेकर एक घंटे की हैं। कुछ फिल्में दो घंटे की हैं।

इस दौरान पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई है। संचालन डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रतिशंकर त्रिपाठी ने दिया। इस मौके पर काशी पत्रकार संघ के अध्यक्ष डॉ. अत्रि भारद्वाज, पूर्व अध्यक्ष सुभाष सिंह, मनीष खत्री, मीरा बोहरा समेत अन्य का सम्मान किया गया। इस अवसर पर नागरी नाटक मंडली के न्यास अध्यक्ष डॉ. संजय मेहता, डा. अजीत सैगल, सुमन पाठक, डा. रतिशंकर त्रिपाठी, आशुतोष चतुर्वेदी समेत काफी लोग मौजूद थे।