International Stadium: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने 42वें दौरे पर वाराणसी आ रहे हैं। इस दौरान वे वाराणसी को 1651 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात देंगे। पीएम वाराणसी में 6 घंटे बिताएंगे। एक दिवसीय दौरे के दौरान पीएम अपने संसदीय क्षेत्र में 6 घंटे बिताएंगे। पीएम मोदी काशी में तीन अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल होंगे। पीएम सर्वप्रथम गंजारी में 325 करोड़ की लागत से बनने वाले अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम (International Stadium) की आधारशिला रखेंगे। इसके लिए सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर समेत क्रिकेट के कई दिग्गजों को भी आमंत्रित किया गया है।

International Stadium: 30.6 एकड़ जमीन पहले ही कर दी गई है आवंटित
इस स्टेडियम (International Stadium) की विशेषता यह है कि इसमें काशी की संस्कृति और भगवान शिव की भी झलक दिखेगी। शिव की नगरी काशी में बन रहे क्रिकेट स्टेडियम को खास तौर पर शिवमय बनाया जा रहा है। वाराणसी में बनने वाला अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम कई मायनों में खास है। इसके लिए पहले ही 30.6 एकड़ जमीन आवंटित कर दी गई है। इस स्टेडियम में 30,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता होगी, जिसमें सात पिच होगी, प्रैक्टिस नेट, खेल मैदान, लाऊंज़, कमेंटेटर बॉक्स, प्रेस गैलरी और मुख्य मैदान के बाहर एक अतिरिक्त छोटा ग्राउंड और पार्किंग की भी सुविधा उपलब्ध होगी।

2 साल में बनकर होगा तैयार
इस स्टेडियम (International Stadium) को बनाने के लिए 2 साल की समय सीमा निर्धारित की गई है। जिसके लिए 325 करोड़ का बजट तैयार किया गया है। इस स्टेडियम में काशी की संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी। इस स्टेडियम की छत को भगवान शिव के माथे पर विराजमान अर्धचंद्र की तर्ज पर बनाया जाएगा। वहीं इसकी फ्लड लाइट त्रिशूल के आकार में होंगी। इतना ही नहीं, स्टेडियम का प्रवेश द्वार भी बेलपत्र के समान बनाया जा रहा है।
स्टेडियम का प्रवेश द्वार (International Stadium) जहां बेलपत्र के समान बनाया जा रहा है, वहीं उसके आसपास घाट की सीढ़ियां और लाउन्ज भगवान शिव के डमरू जैसा दर्शाया जाएगा। वैसे काशी में बनने वाले अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को लेकर खिलाड़ियों में काफी उत्साह है, वहीं काशी के गलियों, नुक्कड़ और चौराहों पर भी इसकी चर्चा तेज है। आने वाले समय में इसमें वाराणसी में बड़े क्रिकेट मैच होंगे। बताया जा रहा है कि इसके बन जाने से न केवल रोजगार के अवसर पैदा होंगे, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की मूलभूत सुविधाएं भी दुरूस्त होंगी।