iphone Hacking Message: यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत विपक्ष के कई नेताओं को एप्पल की ओर से बड़ी चेतावनी मिली है। जिसके बाद यूपी समेत देश के कई राज्यों में सियासी हलचल तेज हो गई है। अखिलेश यादव समेत इंडिया गठबंधन के कई विपक्षी नेताओं का दावा है कि उन्हें राज्य प्रायोजित साइबर अटैक की चेतावनी मिली है। इस दावे के मुताबिक, इन नेताओं के आईफोन किसी भी वक्त हैक हो सकते हैं।
वहीँ एप्पल के ओर से मिले इस मैसेज [iphone Hacking Message] पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि सुबह ही जानकारी मिली और यह मैसेज बता रहा है कि स्टेट की तरफ से या तो हैक किया जा रहा है या फिर जासूसी की जा रही है। आज के युग में इस प्राइवेसी को क्यों खत्म करना चाहते हैं? आखिर यह जासूसी किसके लिए? यह बहुत दुखद है। इसकी जांच होनी चाहिए। कई वरिष्ठ नेताओं के फोन हैक हुए हैं। यह लोकतंत्र के खिलाफ है।
सुना है सत्ताधारी अब विपक्षियों के फ़ोन की जासूसी करवा रहे हैं। विपक्ष की बात सुनने से ज़्यादा अच्छा तो ये है कि सत्ताधारी ‘जनता की आवाज़’ सुन लें तो कम-से-कम उन्हें सुधार का कुछ मौका मिल जाए और फिर महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी, ध्वस्त क़ानून व स्वास्थ्य व्यवस्था, महिला अपराध,…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 31, 2023
बता दें कि इंडिया गठबंधन के चार नेताओं ने मंगलवार को एक खास जानकारी शेयर की है। जिसमें कहा है कि उन्हें एप्पल से चेतावनी [iphone Hacking Message] मिली है। जिसके मुताबिक, राज्य प्रायोजित हमलावर उनके आईफोंस को निशाना बना सकते हैं। इन नेताओं में शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, कांग्रेस के पवन खेड़ा और शशि थरूर ने एप्पल द्वारा भेजे गए अलर्ट को सोशल मीडिया साइट एक्स पर शेयर करते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
- कंपनी की तरफ से भेजे गए मैसेज के मुताबिक, एप्पल का मानना है कि आपकी एप्पल आईडी से जुड़े हुए आईफोन को स्टे स्पॉन्सर्ड अटैकर्स के जरिए रीमोटली कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही है।
iphone Hacking Message: सरकार पर पहले भी लगे हैं जासूसी के आरोप
गौरतलब है कि विपक्षी नेता सरकार पर पहले भी आरोप लगा चुके हैं कि वह पेगासस [iphone Hacking Message] के माध्यम से जर्नलिस्ट, विपक्ष और एक्टिविस्ट पर नजर रख रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लगभग 300 भारतीय पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए जासूसी के संभावित निशाने पर थे। विपक्ष ने इसे लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर खूब हमले किए थे। हालांकि इसे लेकर कोई स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है।