जमैका (Jamaica) में इस वक़्त हालात बेहद खराब चल रहे हैं। वहां कैटेगरी-5 के हरिकेन मेलिसा के टकराव के बाद लोग भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। हालात इतनी बिगड़ चुकू है कि लीग कीचड़ और मलबे में खाने-पीने का सामान ढूंढकर अपनी भूख और प्यार मिटाने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं, कई लोग तूफ़ान के आने के बाद टूट चुकी दुकानों और सुपरमार्केट से अपनी जरुररत की चीजों को निकाल ले रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले तीन दिनों से तूफ़ान के चलते शहर में इस तरफ का भयावह दृश्य देखने को मिल रहा है कि लोगों के रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं। चारों-ओर सिर्फ और सिर्फ सडकों पर कीचड़, मलबे, टूटी इमारते व भवन, बिखरे वाहन नजर आ रहे हैं। यहाँ तक की शहर (Jamaica) में बिजली और पानी की व्यवस्था भी पूरी तरह से ठप हो चुकी है और लोग अपने परिवार वालों से कोई संपर्क नहीं साध पा रहे हैं।
मलबे में पड़े चीजों से गुजारा कर रहे लोग
मिली जानकारी के मुताबिक, लोगों का कहना है कि अब तक इलाके में कोई राहत ट्रक नहीं पहुंचा है। लोग सड़क पर पड़े मलबे या दुकानों में जो कुछ भी मिल रहा है, उसी से गुजारा कर रहे हैं। पास की एक (Jamaica) फार्मेसी और दुकानों में भी लूटपाट की घटनाएं हुईं। लोग कीचड़ में सनी दवाइयां और खाना उठाते दिखे। तो कई दुकानदार अपनी लूटी दुकानों के बाहर पहरा दे रहे हैं।
इस दौरान राजधानी किंग्स्टन एयरपोर्ट पर राहत सामग्री पहुंचनी शुरू हो गई है, लेकिन छोटे एयरपोर्ट और सड़कें क्षतिग्रस्त होने से मदद देर से पहुंच रही है। सेना और राहत एजेंसियों के ट्रक रास्तों के टूटे हिस्सों से गुजरने की कोशिश कर रहे हैं।
Jamaica: 19 लोगों की मौत
जमैका सरकार (Jamaica) ने पुष्टि की है कि तूफान में 19 लोगों की मौत हुई है। हैती में भी 30 लोगों की मौत की खबर है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि शहर के 90% घर तबाह हो चुके हैं। और अस्पताल, पुलिस स्टेशन और फायर स्टेशन भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं।
एक मेडिकल वर्कर ने बताया कि फायर स्टेशन में चार से पांच फीट पानी भर गया था। बच्चों और बुजुर्गों सहित कई लोग घायल अवस्था में लाए गए। कई जगह ऐसे लोग मिले जो जिंदा नहीं बचे।

