Varanasi: वाराणसी, जिसे शिव की नगरी कहा जाता है, वह जन्माष्टमी की रात कृष्ण भक्ति में डूबा नजर आया। मंदिरों में घंटा-घड़ियाल गूंजते रहे और श्रद्धालु “गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो” के भजनों में लीन होकर झूम उठे।

Varanasi: भक्तों को प्राप्त हुआ दुर्लभ अनुभव
पूरे देश में जन्माष्टमी का पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया, मगर इस बार काशी का दृश्य कुछ अलग और विशेष रहा। श्री काशी विश्वनाथ धाम (Varanasi) में प्रातःकालीन मंगला आरती के दौरान भक्तों को एक दुर्लभ अनुभव प्राप्त हुआ। इस क्षण में महादेव श्री काशी विश्वेश्वर के दर्शन के साथ-साथ बालरूप लड्डू गोपाल श्रीकृष्ण की झलक ने सभी को अभिभूत कर दिया।

भक्तों के लिए यह अद्भुत संयोग जीवन भर यादगार बन गया। शिव के मंगलमय स्वरूप और श्रीकृष्ण की मोहक छवि ने गंगा तट पर आस्था का अद्वितीय वातावरण निर्मित कर दिया। काशी की इस आध्यात्मिक छटा ने जन्माष्टमी को और भी दिव्य बना दिया।