Varanasi: इस भागादौड़ी जिन्दगी में स्वस्थ और खुश रहने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी अगर कुछ है तो वो है एक्सरसाइज़ और मेडिटेशन…जिसके बारे में आज टिप्स वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा साझा किए गए। दरअसल, वाराणसी [Varanasi] के लहुराबीर स्थित IMA में “सीनियर सिटिजन ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया” की ओर से “जस्ट बी अलाइव” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें गायनोलॉजिस्ट डॉ. स्मिता चंद्रा ने लोगों को ट्रांसफॉर्म ह्यूमैनिटी, हीलिंग तकनीक और मेडिटेशन के विभिन्न तरीके से अवगत कराया गया।


Varanasi: मेडिटेशन से जीवन में आता है सार्थक परिवर्तन- डॉ. अजीत सैगल
इस मौके पर अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. अजित सैगल ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य यह है कि हम अपने इस भागादौड़ भरी जिन्दगी में कैसे स्वस्थ रह सकते हैं, कैसे हम अपने व्यस्त जीवन में खुश रह सकते हैं, कैसे हम अपने विचारों को स्वस्थ रख सकते हैं और कैसे हम अपने को ऐसा बना सके कि लोग हमसे प्यार करें और हम लोगों से प्यार कर सके, समाज के लिए कुछ अच्छा कर सके। इसके लिए तमाम एक्सरसाइज़ और मैडिटेशन आते हैं, जो हमने आज यहाँ इस कार्यक्रम [Varanasi] में बताया है। इसे करने से जीवन में एक सार्थक परिवर्तन आता है और सोच बदलती है।




वहीं गायनोलॉजिस्ट डॉ. स्मिता चंद्रा ने बताया कि आज का हमारा प्रोग्राम “जस्ट बी अलाइव” जो कि 60 साल से ऊपर ऐज ग्रुप वालों के लिए खास तौर पर आयोजित किया गया है। इसमें हम लोगों को यह सिखाते हैं कि कैसे खुश रहें, कैसे स्वस्थ रहे, मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से कैसे हेल्थी रहें। ताकि बदलाव के चलते हम अपने जीवन और घर को चमकदार बनाए।



इस मौके Varanasiपर मुख्य रूप से डॉ. अजित सैगल, डॉ. स्मिता चंद्रा, डॉ. बेला सैगल, डॉ. शीला शर्मा, आशीष बसक, डॉ. नीलम ओहरी, आर. बी. गाभावाला, राम मोहन पाठक और शरद त्रिपाठी समेत अन्य लोगों की मौजूदगी रही।

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