Kamlesh Dutt Tripathi: काशी में संस्कृत के प्रकांड पंडित कमलेश दत्त त्रिपाठी का सोमवार को निधन हो गया। काशी के हरिश्चंद्र घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
संस्कृत के प्रकांड विद्वान महामहोपाध्याय पंडित कमलेश दत्त त्रिपाठी ने मोक्ष की नगरी काशी में अंतिम सांस ली। काशी के हरिश्चंद्र घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
काशी के महाश्मशान कहे जाने वाले हरिश्चंद्र घाट पर उनके पार्थिव शरीर के अंतिम संस्कार के दौरान उनके विदेशी मूल के शिष्यों ने श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ कर सबको चौंका दिया। यह नजारा ऐसा था कि जिसने देखा वह देखता ही रह गया।

Kamlesh Dutt Tripathi: शिष्यों के साथ बेटे ने भी दी विदाई
कमलेश दत्त त्रिपाठी के अंतिम संस्कार के शवदाह शुरू होने से लेकर उनके चिता के ठंडी होने तक उनके विदेशी मूल के शिष्य गौरी और केदार ने लगातार विष्णु सहस्रनाम का पाठ किया। इस दौरान उनके बेटे सस्वर भी इस आयोजन में शामिल हुए।
बता दें कि कमलेश दत्त त्रिपाठी [Kamlesh Dutt Tripathi] काशी के जाने माने संस्कृत के विद्वान हैं। उनके दोनों विदेशी मूल के शिष्यों ने महामहोपाध्याय से दीक्षा लेने के बाद भारतीय संस्कृति अपनाई और अपना नाम भी भारतीय संस्कृति के हिसाब से रखा।
उनके अंतिम संस्कार से पहले सुसवाही के प्रज्ञा नगर स्थित उनके आवास पर लोगों को उनका अंतिम दर्शन कराया गया। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर को रविन्द्रपुरी स्थित कीनाराम आश्रम लाया गया। उसके बाद लोग उनका शव लेकर हरिश्चंद्र घाट पहुंचे और वहां चरण पादुका पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।