Kargil Vijay Diwas: कारगिल युद्ध के 25 वर्ष पूरे होने पर वाराणसी के अस्सी घाट पर 39 जीटीसी की ओर से रजत जयंती के आगमन का जश्न मनाया गया। इस दौरान ‘ऑपरेशन विजय’ में शामिल बहादुरी से लड़ने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिये एक पाइप और मिलिट्री बैंड प्रदर्शन का भव्य आयोजन किया गया।
पाइप और मिलिट्री बैंड द्वारा बजाई गई देशभक्ति और मार्शल धुनों का सभी ने आनंद उठाया और राष्ट्र तथा हमारे सैनिकों के प्रति उनकी भावनाओं, अपार प्रेम और श्रद्धा (Kargil Vijay Diwas) को महसूस किया। बैंड की शानदार प्रस्तुति ने मौजूद सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और उनमें देशभक्ति का जोश भर दिया।
‘कारगिल विजय दिवस’ (Kargil Vijay Diwas) उन सैनिकों की वीरता और उत्साह को याद करने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने भारतीय क्षेत्र कारगिल, द्रास और मुश्कोह सेक्टरों से पाक सैनिकों और मुजाहिदों को खदेड़ने के लिए सर्वोच्च बहादुरी और अपनी सुरक्षा की परवाह न करते हुए लड़ाई लड़ी।
कारगिल युद्ध (Kargil War) 1999 के मई और जुलाई के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था। यह युद्ध जम्मू और कश्मीर के कारगिल जिले के कुछ क्षेत्रों में लड़ा गया था, जो कश्मीर के एक सदियों से चली आ रही विवादित सीमा रेखा (Line of Control) पर स्थित था। यह विवाद दोनों देशों के बीच एक बार फिर एक तनावपूर्ण और खतरनाक संघर्ष को उत्पन्न कर दिया था। इस लड़ाई में भारतीय सेना और वायु सेना ने बहादुरी और दृढ़ता से युद्ध किया और अपने देश के लिए शौर्य दिखाया।

Kargil Vijay Diwas: मई से जुलाई के बीच लड़ी गई लड़ाई
कारगिल युद्ध की शुरुआत 1999 के मई में हुई, जब पाकिस्तान के आर्मी ने चुपके से कारगिल क्षेत्र में अपने सेना को घुसाने का प्रयास किया। इसका उद्देश्य कारगिल के निकटवर्ती भारतीय पोस्टों को कब्जे में लेना और वहां की सेना को हटाना था। इसके परिणामस्वरूप, भारतीय सेना ने अचानक इस परिस्थिति का सामना किया और तत्काल संख्यागत अनुवांशिक लाभ प्राप्त करने के लिए कार्रवाई करने के लिए तैनात हुई।
युद्ध की शुरुआत में, भारतीय सेना को इस चुनौती का सामना करना पड़ा जो अलार्मिंग और आक्रामक था। वे जल्दी से अपनी संख्या बढ़ाने के लिए एक व्यावस्थित सामर्थ्य विकसित करने में सफल रहे, जिसके परिणामस्वरूप युद्ध (Kargil Vijay Diwas) के दौरान उन्होंने कई कठिन और अचूक युद्ध उपकरणों का उपयोग किया।
भारतीय सेना के सैनिक और अधिकारी दिन रात कारगिल के ताकतवर शिखरों पर चढ़ाईयों का सामना करते थे। उन्होंने खून, पसीना और बलिदान के बल पर युद्ध का सामना किया और विरोधी के हमलों को करारा जवाब दिया। उन्होंने धैर्य, साहस और समर्पण के साथ युद्ध किया और अपने देश को गर्व महसूस कराया।
इस युद्ध में भारतीय वायुसेना (Kargil Vijay Diwas) ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वायुसेना ने युद्ध के पहले ही दिनों में पाकिस्तानी वायुसेना के जेटों को मार गिराया और आक्रमणीय परिस्थितियों में युद्ध करते हुए भारतीय जल वायुसेना ने अपने प्रदर्शन से सबको चौंका दिया।

Kargil Vijay Diwas: भारतीय सेना पर गर्व का पल
अंततः, युद्ध के चार महीने बाद, भारतीय सेना ने विजयी होकर कारगिल क्षेत्र को वापस अपने नियंत्रण में ले लिया। यह युद्ध बड़े खर्चीले और मानसिक दबाव वाला था लेकिन भारतीय सेना की साहस, समर्पण और लड़ाई की भावना ने उन्हें विजयी (Kargil Vijay Diwas) बना दिया। इस युद्ध ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को और भी तनावपूर्ण बना दिया और विवाद का मामूला सीमा रेखा पर भी ध्यान केंद्रित किया।
कारगिल युद्ध ने देशवासियों के दिल में देशभक्ति और सैन्य बल के प्रति गर्व (Kargil Vijay Diwas) का भाव भर दिया। इस युद्ध में शहीद हुए वीर सैनिकों को सदैव याद किया जाएगा और उनके साहसी बलिदान को सलामी दी जाएगी। यह युद्ध हमें याद दिलाता है कि हमारे देश की सुरक्षा और संरक्षण के लिए हमेशा तैयार रहना जरूरी है और भारतीय सेना हमें इस संबंध में गर्व का अनुभव कराती है।