अगहन मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि आज यानी मंगलवार को काशी कोतवाल बाबा कालभैरव का जन्मोत्सव {Baba Kalbhairav Janmotsav} बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। बाबा का विशेष श्रृंगार किया गया है। इस उत्सव के अवसर पर बाबा का सबसे पहले सुबह पंचामृत श्रृंगार किया गया जिसके बाद उन्हें 56 भोग लगते हुए बाबा का विधि-विधान से पूजा-अर्चना किया गया। इसके साथ ही कोतवाल बाबा कालभैरव के जन्मोत्सव पर बाबा के दरबार ने 56 किलों का केक भी काटा गया। इस दौरान बाबा के दर्शन-पूजन को श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा। ऐसी मान्यता है कि काशी कोतवाल की अनुमति के बगैर कोई काशी में वास नहीं कर सकता। बाबा सभी के पाप-पुण्य का न्याय करते हैं।

Baba Kalbhairav Janmotsav : विशाल भंडारे का भी हुआ आयोजन
मंदिर के महंत सुमित उपाध्याय ने बताया कि आज बाबा का महापर्व भैरव अष्टमी है ऐसे में बाबा कालभैरव का जन्मोत्सव {Baba Kalbhairav Janmotsav} मनाया जा रहा है। इस दिन बाबा अपने मूल स्वरूप में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। आज के दिन बाबा के दर्शन करने से भक्तों के सभी कष्टों को बाबा हारते हैं और उन्हें सुख समृद्धि प्रदान करते हैं। महंत ने बताया कि आज सुबह से बाबा का पंचामृत स्नान करने के बाद बाबा को 56 भोग लगाया गया है वहीं विशाल भंडारा का आयोजन किया गया है।

आपको बता दें कि ऐसी मान्यता है कि बाबा कालभैरव {Baba Kalbhairav Janmotsav} काशी के कोतवाल माने जाते हैं। काशी का पूरा शासन बाबा के हाथ में हैं। बाबा की अनुमति के बिना काशी में कोई वास नहीं कर सकता। काशी में मृत्युपरांत यम याचना नहीं भैरवी याचना है। मरने वालों के पाप-पुण्य का शोधन स्वयं बाबा करते हैं। भैरव जी का ही दंड उनको प्राप्त होता है।