– देश की एकजुटता के साथ पर्यटन को बढ़ाना देना है मकसद : कौशल राज शर्मा
-डमरुदल के साथ रुद्राक्ष और फूलों की मालाओं से होगा अतिथियों का स्वागत
राघवेंद्र केशरी
वाराणसी। एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत काशी में होने वाले तमिल संगमम में 19 नवंबर शनिवार को प्रधानमंत्री काशी आएंगे। जो बीएचयू के एम्फीथियेटर में आयोजन में 10 से 12 हजार लोगों को संबोधित कर कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। यह कार्यक्रम काशी में पर्यटन को और ऊंचाईयों तक ले जाएगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ देश की एकजूटता कार्यक्रम का मुख्य मकसद है। यह जानकारी गुरुवार को कमिश्नरेट सभागार में आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने दी।
बताया कि एक महीने तक चलने वाले कार्यक्रम में प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। जिसमें प्रतिदिन अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन होगा। जिसे तमिलनाडू के कलाकारों द्वारा किया जाएगा। 12 ग्रुप के इस कार्यक्रम की शुरूआत में पहले ग्रुप से होगी। जिसके पहले जत्थे में 215 अतिथि 18 की मध्य रात्रि को बनारस रेलवे स्टेशन पहुंचेंगे। इनके साथ 10 से 11 की संख्या में तमिल विद्वतजन भी आएंगे। इन अतिथियों का डमरुदल के साथ रुद्राक्ष और फूलों की मालाओं से स्वागत किया जाएगा। साथ ही इनके स्वागत के लिए प्रतिनिध के तौर पर यूपी सरकार के मंत्री और अधिकारी मौजूद होंगें। काशी में बीएचयू के पास अतिथियों के रहने की व्यवस्था की गई है।

काशी के साथ अयोध्या और प्रयागराज जाएंगे अतिथि
तमिलनाडू से अतिथि चार दिन भ्रमण के लिए उत्तर प्रदेश आएंगे। जो दो दिन काशी में और एक-एक दिन अयोध्या और प्रयागराज में बिताएंगे। इसके लिए उन्हें प्रशासन की ओर से पूरी सुविधाओं के साथ गाइड और ठहरने की व्यवस्था दी जाएगी। इस दौरान एक स्पेशल टीम भी उनके साथ मौजूद रहेगी।

तीन स्टेशनों पर होगा स्वागत
तीन स्टेशनों पर अतिथियों का स्वागत किया जाएगा। जिसमें बनारस, कैंट रेलवे स्टेशन (वाराणसी जंक्शन) और पीडीडीयू जंक्शन (मुगलसराय) को शामिल किया गया है। 12 ग्रुपों में आने वाले तमिल अतिथियों के लिए चार-चार ग्रुप प्रत्येक स्टेशन के लिए निर्धारित किए गए हैं। जहां उनके स्वागत की पूरी व्यवस्था होगी।

ई-बस का सफर करेंगे अतिथि
काशी में तमिल संगमम के तहत तमिलनाडू से आने वाले अतिथि ई-बस का सफर कर कार्यक्रम स्थल तक पहुंचेंगे। इसके लिए विशेष तौर पर बसों की सजावट की जाएगी। बसों के साथ प्रशासन की एक टीम लगाई जाएगी। ताकि कार्यक्रम स्थल व ठहरने के स्थान तक पहुंचने में कोई दिक्कत न हो।

रिक्शा चालक और नाविकों को दी जाएगी ट्रेनिंग
तमिलनाडू से आने वाले अतिथियों को उन्हीं की भाषा में स्वागत करने के लिए शहर के रिक्शा चालक और नाविकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए विशेष तौर पर ट्रेनरों के माध्यम से इन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। जो शुक्रवार से शुरू हो जाएगा।

लोकल फॉर वोकल को भी मिलेगा बढ़ावा
तमिल संगमम कार्यक्रम में आने वाले अतिथियों को काशी की संस्कृति से जोड़ने के लिए यहां के खानपान और रहन सहन के बारे में जानकारी दी जाएगी। ताकि पर्यटन के साथ-साथ लोकल फॉर वोकल को भी बढ़ावा मिल सके।

काशी विश्वनाथ सहित पर्यटन स्थलों पर भी जाएंगे
तमिलनाडू से आने वाले अतिथि काशी विश्वनाथ मंदिर, काल भैरव आदि मंदिरों का दर्शन करने के साथ पर्यटन स्थलों पर भी जाएंगे। जिसमें सारनाथ, रविदास पार्क, टीएफसी सेंटर के साथ काशी के घाटों का सैर करेंगे। वहीं अतिथियों के लिए नौकायन की भी व्यवस्था होगी।
व्यापारी और छात्रों से करेंगे संवाद
तमित संगमम में काशी आने वाले अतिथि यहां के तमाम व्यापार से जूड़े व्यवसायियों से संवाद करने के साथ युवा पीढ़ी के शिक्षण संस्थानों में अध्ययन करने वाले छात्रों से भी रुबरु होंगे। ऐसे में वह स्थानीय व्यापार और शिक्षा के साथ अन्य व्यवसायों को भी जानेंगे।

भाषिणी एप से सभी भाषा को जानेंगे काशी वासी
काशीवासियों और तमिल भाषियों का आपस में स्पष्ट संवाद हो सके। इसके लिए प्रशासन की ओर से काशी वासियों को भाषिणी एप डाउनलोड कराया जाएगा। जिसके लिए प्रशासन की एक टीम निर्धारित कर इसका प्रचार कराया जाएगा। भाषिणी एप के माध्यम से लोग देश की सभी भाषाओं का ट्रांसलेशन आसानी से करने के साथ उसे स्पष्ट तौर पर समझकर उसी भाषा में उत्तर दे सकेंगे।
हस्तशिल्प कला को निहारेंगे
तमिल संगमम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ काशी की हस्तशिल्प कला की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। जिसे अतिथियों के साथ काशी के तमाम शिक्षण संस्थानों के छात्र एवं काशी वासी भी देख सकेंगे। यही नहीं काशी के कल्चर से संबंधित स्मृतियों को भी प्रदर्शित किया जाएगा।
देव दीपावली की तरह पूरे माह सजी रहेगी काशी
तमिल संगमम कार्यक्रम के दौरान पूरे माह देव दीपावली की तरह काशी के चौराहों और मार्गों, घाटों पर लाइटिंग व्यवस्था रहेगी। जिसे लिए नगर निगम सहित तमाम विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। सजावट का कार्य गुरुवार से ही शुरू कर दिया गया है। इस दौरान साफ सफाई और यातायात संबंधी सुविधाओं के लिए भी संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है।