Kashi Vishwanath Security: वाराणसी स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा अब और अधिक सुदृढ़ और तकनीकी रूप से सशक्त हो गई है। शनिवार को पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने मंदिर परिसर का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा की और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। इस दौरान उन्होंने सुरक्षा को अगले स्तर तक ले जाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जिनमें ‘रैपिड रिस्पांस यूनिट’ की तैनाती प्रमुख है।
यह विशेष सुरक्षा दस्ते को आतंकवादी गतिविधियों, संदिग्ध व्यक्तियों और भीड़ में सक्रिय असामाजिक तत्वों की निगरानी के लिए नियुक्त किया गया है। इस यूनिट को ऐसी परिस्थितियों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। पुलिस कर्मियों को SOP के अनुसार ड्यूटी निभाने, एंटी-ड्रोन तकनीक के प्रयोग और प्रवेश द्वारों की निगरानी को अधिक सतर्कता से करने के निर्देश दिए गए हैं।
कमिश्नर अग्रवाल ने मंदिर परिसर में स्थापित सीसीटीवी कंट्रोल रूम की कार्यक्षमता का निरीक्षण करते हुए वहां तैनात पुलिसकर्मियों को दर्शनार्थियों की भीड़ में मौजूद संदिग्ध लोगों की पहचान करने और जरूरत पड़ने पर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। पिक-पॉकेटिंग और चेन स्नेचिंग जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सतर्क निगरानी को प्राथमिकता दी गई है।

पुलिस आयुक्त ने मंदिर सुरक्षा को लेकर कहा कि श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर केवल वाराणसी ही नहीं, बल्कि पूरे देश के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। ऐसे में इसकी सुरक्षा में कोई चूक न हो, यह पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
इसके अलावा पुलिसकर्मियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि ड्यूटी के दौरान वे मोबाइल फोन, इयर-बड्स या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का उपयोग न करें। सेलिब्रिटी दर्शन के समय उनके साथ फोटो या सेल्फी लेने से बचें और ड्यूटी प्वाइंट न छोड़ें।
Kashi Vishwanath Security: श्रद्धालुओं की होगी डबल चेकिंग
मंदिर में प्रवेश करने वाले सभी श्रद्धालुओं की चेकिंग पॉइंट पर दोहरी जांच करने की व्यवस्था की गई है। किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कंट्रोल रूम या वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करने के लिए कहा गया है।
पुलिस कमिश्नर ने “No-Touch Policy” को पूरी सख्ती से लागू करने की बात भी दोहराई। इसके तहत किसी भी पुलिसकर्मी को दर्शनार्थियों – चाहे वे पुरुष हों या महिलाएं – को अनावश्यक रूप से स्पर्श करने की अनुमति नहीं है।
श्रद्धालुओं के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए सभी पुलिसकर्मियों को सहयोगात्मक और संवेदनशील व्यवहार रखने की हिदायत दी गई है। विशेष रूप से दिव्यांगों, बुजुर्गों और महिलाओं को प्राथमिकता के साथ दर्शन करवाने के लिए अलग से गाइडेंस प्रणाली तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में अपर पुलिस आयुक्त एस. चनप्पा, पुलिस उपायुक्त सुरक्षा अनिल कुमार यादव, सहायक पुलिस आयुक्त (सुरक्षा) समेत मंदिर परिसर की सुरक्षा में तैनात अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।