- डीएम और सीडीओ ने अभियान के संबंध में वर्चुअल बैठक कर दिये निर्देश
- आज से भिक्षुओं की कांउसलिंग, भीख न देने के लिए जनता को करेंगे जागरूक
- रेसक्यू टीम कल से भिखारियों को उठाकर शेल्टर होम और बालगृहों आदि में रखेगी
वाराणसी। जनपद को अगले 15 दिनों में भिक्षावृत्ति मुक्त कराने की कवायद शुरु हुई है। रविवार से भिखारियों की कांउसलिंग आरंभ करेंगे। साथ ही भिखारियों को भीख न देने संबंधी प्रचार-प्रसार होगा। उसके बाद रेसक्यू की कार्यवाही के लिए गठित टीम 13 मार्च अभियान में जुटेगी। टीम भिखारियों को विभिन्न शेल्टर होम, बालगृहों और अपना घर आश्रम आदि में रखेगी।
‘भिक्षावृत्ति मुक्त काशी’ अभियान-2023 के सफल संचालन के उद्देश्य से शनिवार को डीएम एस. राजलिंगम तथा सीडीओ हिमांशु नागपाल ने पुलिस, नगर निगम, अन्य संबंधित विभागों और एनजीओ के साथ वर्चुअल बैठक कर यह निर्देश दिये। उन्होंने नगर निगम एवं पुलिस विभाग को पब्लिक ऐड्रेसिंग सिस्टम, पोस्टर, बैनर, पैंफलेट आदि के जरिये प्रचार-प्रसार कर जनजागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिये।
भिक्षावृत्ति अपराध है
मीटिंग में मुहिम के दौरान भिक्षावृत्ति निषेध अधिनियम एवं मानवाधिकारों आदि का अनुपालन कराने पर बल दिया गया। उन्होंने आगामी 15 दिन के भीतर काशी को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराने को कहा। अपर नगर आयुक्त को नगर निगम के शेल्टर होम में सभी सुविधाएं तैयार रखने समेत विभिन्न चिह्नित स्थानों पर ‘भिक्षावृत्ति अपराध है’ के साइनेज लगाने के निर्देश दिये।

जिलाधिकारी की एनजीओ से सहयोग की अपील
जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी ने संबंधित अफसरों को अभियान में किसी भी स्तर सुस्ती या लापरवाही न बरतने के निर्देश दिये। साथ ही एनजीओ ‘अपना घर’ एवं ‘रोटी बैंक’ से इस मुहिम में सहयोग की अपील की। ‘रोटी बैंक’ के प्रतिनिधि ने उन्हें बताया कि उनका संगठन बीते सात साल से भिखारियों, ठेला-रिक्शा चालकों, मानसिक रूप से विकृत और लावारिस लोगों को प्रतिदिन भेजन पहुंचा रहा है। इसलिए उनके संगठन के सदस्यों के जरिये भिखारियों को पहचानना एवं चिह्नित करना आसान होगा।