उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में स्थित पवित्र केदारनाथ धाम (Kedarnath dham) के कपाट शुक्रवार सुबह वृष लग्न में विधिपूर्वक खोल दिए गए। 7 बजे जैसे ही कपाट खुले, संपूर्ण केदारघाटी “हर-हर महादेव” के जयकारों से गूंज उठी। इस आध्यात्मिक क्षण के साक्षी बनने के लिए 15 हजार से अधिक श्रद्धालु धाम में मौजूद रहे। कपाट खुलते ही पहले पूजन का सौभाग्य इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर संपन्न हुआ।
मुख्यमंत्री धामी ने किए बाबा केदार के दर्शन
कपाटोद्घाटन से ठीक पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं केदारनाथ पहुंचे और कपाट खुलते ही भगवान केदारनाथ (Kedarnath dham) के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने इस क्षण को अपने जीवन का सौभाग्यपूर्ण पल बताया और कहा कि राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा को सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। अक्षय तृतीया के दिन यानी 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो चुका है, और दो दिन बाद बद्रीनाथ धाम के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।

पुष्पवर्षा और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से हुआ स्वागत
कपाट खुलने के बाद केदारनाथ धाम में धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों की बहार आ गई। श्रद्धालुओं पर हेलिकॉप्टर से फूलों की वर्षा की गई और कई रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी हुईं। धाम का पूरा परिसर आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत नजर आया।
फूलों की साज-सज्जा और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
इस पावन अवसर पर केदारनाथ मंदिर (Kedarnath dham) को 108 क्विंटल फूलों और मालाओं से सजाया गया, जिससे धाम और भी मनोहारी लग रहा था। सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। 15 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के लिए रात्रि विश्राम की व्यवस्था की गई थी।

Kedarnath dham: टोकन प्रणाली से दर्शन होंगे सुगम
श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि इस बार श्रद्धालुओं (Kedarnath dham) की सुविधा को देखते हुए टोकन प्रणाली लागू की गई है। अब दर्शन के लिए लंबी कतारों में खड़े रहने की जरूरत नहीं होगी। टोकन व्यवस्था के तहत प्रतिघंटा 1400 भक्तों को मंदिर में दर्शन का अवसर मिलेगा। संगम ब्रिज के पास टोकन काउंटर स्थापित किए गए हैं और पैदल मार्ग पर हर 50 मीटर की दूरी पर पर्यावरण मित्र तैनात किए गए हैं, जो सफाई और व्यवस्था बनाए रखने में सहायता करेंगे।
अब एक घंटे में दर्शन संभव, वीआईपी व्यवस्था खत्म
जहां पहले श्रद्धालुओं (Kedarnath dham) को तीन से चार घंटे तक लाइन में लगना पड़ता था, अब टोकन प्रणाली और डाइवर्जन प्लान के कारण एक घंटे में दर्शन संभव हो सकेंगे। इस बार वीआईपी दर्शन की व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। पहले जहां वीआईपी दर्शन के लिए शुल्क वसूला जाता था, अब वह भी व्यवस्था से हटा दी गई है। सरकार और मंदिर समिति का उद्देश्य इस वर्ष की यात्रा को अधिक समावेशी, पारदर्शी और सुविधाजनक बनाना है, ताकि हर भक्त को समान रूप से भगवान के दर्शन का अवसर मिल सके।
चारधाम यात्रा के इस शुभ आरंभ ने पूरे देश के भक्तों में नई ऊर्जा भर दी है। प्रधानमंत्री मोदी के नाम से हुई पहली पूजा इस यात्रा की आध्यात्मिक गरिमा को और भी ऊँचाई देती है। अब श्रद्धालु केदारनाथ धाम की दिव्यता का साक्षात अनुभव कर सकेंगे।