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मप्र के नए मुख्यमंत्री {Madhya Pradesh CM} मोहन यादव का नाम चौंकाने वाला रहा। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद 8 दिनों से चला आ रहा सस्पेंस आखिरकार खत्म हो गया है। विधायक दल की बैठक के बाद सर्वसहमति से सीएम के नाम का ऐलान हुआ। अब मप्र की कमान {Madhya Pradesh CM} मोहन यादव के हाथ में रहेगी। यानी अब मध्य प्रदेश पर शिव का राज नहीं मोहन राज होगा। मोहन यादव ने अपने राजनीति सफर की शुरुआत छात्र जीवन से की थी। अब वे प्रदेश के सत्ता के शीर्ष पर विराजमान हो गए हैं। संभवत: 14 दिसंबर को मोहन यादव मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते है। आइए, उनके बारे में जानते हैं विस्तार से…
मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री रह चुके हैं मोहन यादव
मोहन यादव मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। उज्जैन के बड़े नेताओं में इनकी गिनती की जाती है। राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा को मध्यप्रदेश का डिप्टी सीएम बनाया गया है। वहीं नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष होंगे। जगदीश देवड़ा पिछली सरकार में वित्त मंत्री थे जबकि राजेंद्र शुक्ल को विधानसभा चुनाव के ठीक पहले जनसम्पर्क मंत्री बनाया गया था।
Madhya Pradesh CM : सोमवार तक मुख्यमंत्री के चेहरों को लेकर कवायद जारी थी
बता दें मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम 3 दिसंबर को आए थे, तब से लेकर आज यानि सोमवार तक मुख्यमंत्री के चेहरों को लेकर कवायद जारी थी। मध्यप्रदेश के चुनाव में इस बार राष्ट्रीय महासचिव सहित दो केन्द्रीय मंत्री व सांसद मैदान में उतरे थे, इनमें से पांच को विजय हासिल हुई थी। सीएम {Madhya Pradesh CM} बनने के लिए सभी नेता भोपाल से दिल्ली तक दौड़ लगा रहे थे। आखिरकार बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व ने पर्यवेक्षक नियुक्त किया। पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में राजधानी भोपाल में विधायक दल की बैठक आयोजित की गई थी।
मोहन यादव ने किया आभार व्यक्त
मध्य प्रदेश के मनोनीत मुख्यमंत्री {Madhya Pradesh CM} मोहन यादव ने कहा, मैं केंद्रीय नेतृत्व, प्रदेश नेतृत्व का आभार व्यक्त करता हूं कि मेरे जैसे छोटे से कार्यकर्ता को यह जो जवाबदारी दी है, आपके प्यार और सहयोग से मैं अपनी जिम्मेदारियां पूरी करने का प्रयास करूंगा।
जानिए मोहन यादव के जीवन के बारे में
- माधव विज्ञान महाविद्यालय से मोहन यादव ने पढ़ाई की और फिर इससे पहले उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री का जिम्मा भी अपनी कन्धों पर उठाया था।
- 1982 में उन्हें छात्र संघ के सह-सचिव भी चुना गया था।
- वे भाजपा की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य और सिंहस्थ मध्य प्रदेश की केंद्रीय समिति के सदस्य, मध्य प्रदेश विकास प्राधिकरण के प्रमुख, पश्चिम रेलवे बोर्ड में सलाहकार समिति के सदस्य भी रह चुके हैं।
- 2013, 2018 के बाद अब वे 2023 में भी उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।