Hapur Lathicharge : हापुड़ में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में प्रदेशभर के अधिवक्ता आज हड़ताल पर हैं। वहीं वाराणसी की कचहरी परिसर को भी बंद कर अधिवक्ताओं ने आज न्यायिक काम न करने का फैसला किया। वाराणसी में अधिवक्ताओं ने अपने आप को न्यायिक कार्यों से विरत होकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। वाराणसी के सभी अधिवक्ताओं ने जुलूस निकालकर डीएम पोर्टिको पर इकट्ठा होकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दी बनारस बार एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि हापुड़ में हमारे वकीलों पर बर्बतापूर्वक लाठियां (Hapur Lathicharge) बरसाईं गईं हैं। आज हम कोर्ट में कोई भी काम नहीं करेंगे।
वहीं अधिवक्ताओं के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए भारी संख्या में पुलिसबल और अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। कचहरी परिसर में ACP कैंट समेत भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। पूरा कचहरी परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। कैंट एसीपी अतुल अंजाम त्रिपाठी के नेतृत्व में पुलिस बल कचहरी के आसपास के क्षेत्रों में पैदल मार्च कर अधिवक्ताओं (Hapur Lathicharge) से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।
वाराणसी के डीएम पोर्टिको में हजारों की संख्या में अधिवक्ताओं ने पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए धरना दे रहे हैं। विरोध प्रदर्शन के शामिल वकीलों का कहना है कि जब तक आरोपी पुलिस वालों को सस्पेंड नहीं किया जाता तब तक लड़ाई जारी रहेगी। लाठीचार्ज में शामिल दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हैं और सरकार तत्काल प्रभाव से दोषी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर बर्खास्त करें। अन्यथा प्रदेश भर के अधिवक्ता एक बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य हैं।
Hapur Lathicharge : ये है पूरा मामला
बता दें कि मंगलवार को हापुड़ में एक महिला अधिवक्ता के पिता पर फर्जी मुकदमा दर्ज करने और इसमें शामिल पुलिस के विरोध में अधिवक्तागण विरोध (Hapur Lathicharge) कर रहे थें। वहीं इस दिन हापुड़ बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों और सदस्यों ने न्यायिक कार्य ना करने का फैसला भी लिया था।
न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए अधिवक्ताओं ने हापुड़ स्थित तहसील चौपला पर जाम लगाकर मुकदमा वापस लेने की मांग करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। हंगामा इतना बढ़ गया कि उस पुरे इलाके में जाम लग गया जिसे सँभालने के लिए कई थानों की पुलिस की फोर्स वहन मौके पर पहुंची। इस दौरान नोंकझाेक शुरू हुआ जो कि बवाल से लाठीचार्ज (Hapur Lathicharge) में बदल गया।