- राधेश्याम कमल
Laxmi Ganesh Statue: धनत्रयोदशी एवं दीपमालिका पर्व दीपावली पर ऐश्वर्य की प्रतीक देवी लक्ष्मी एवं शुभता के सूचक श्रीगणेश की पूजा व अर्चना करने की मान्यता है। धनतेरस के मद्देनजर लक्ष्मी-गणेश की आकर्षक मूर्तियों की दुकानें सजने लगी है। सिंदूरी कलर की लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की मांग लोगों में अब भी बनी हुई है। सिंदूरी कलर की लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां लोगों का खूब भा रही है।
जद्दूमंडी के शिल्पकार बद्री प्रसाद प्रजापति बताते हैं कि वैसे तो कोलकाता से लक्ष्मी-गणेश की फैंसी मूर्तियां [Laxmi Ganesh Statue] आ गई हैं लेकिन सिंदूरी कलर की तार वाली मूर्तियों की डिमांड कम नहीं हुई है। उनके यहां 20 इंच, 16 इंच, 10 इंच व 6 इंच की फैंसी गणेश की मूर्तियां हैं। इसमें पीछे चक्र व कमल तथा सिंहासन पर लक्ष्मी-गणेशजी विराजमान हैं। इसके अगल-बगल दो हाथी हैं। इसके अलावा 4 इंच, 2 इंच की भी मूर्तियां हैं। 12 इंच की सिंदूरी कलर की लक्ष्मी-गणेश भी हैं।
Laxmi Ganesh Statue: मिट्टी के अलावा टेराकोटा के दीयों की भी डिमांड
गणेश लक्ष्मी की मूर्तियों के अलावा दीपावली पर पूजा में आने वाली ग्वालिन की भी रंगाई चल रही है। उन्होंने फैंसी ग्वालिन बनायी है। उनके साथ उनके सहयोगी अमित कुमार भी लगे हुए है। जद्दमंडी के रवि प्रजापति बताते हैं कि उनके यहां कोलकाता से टेराकोटा के रंग बिरंगे दीये भी आये हुए हैं। मिट्टी के दीयों के अलावा टेराकोटा के दीये की भी खूब डिमांड हैं। बनारस से गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियों के अलावा दीयों की सप्लाई की जा रही है। प्लास्टर ऑफ़ पेरिस की मूर्तियां बनाने वाले एक शिल्पकार का कहना है कि यह देखने में काफी आकर्षित लगती है। इसलिए काफी लोग इसे भी पसंद करते हैं।