अगर खाने की बात करें, तो भारतीय व्यंजन के स्वाद का मुकाबला शायद ही कोई कर सकता है। तरह-तरह के मसाले, जो न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होते हैं। उन्हीं मसालों में से एक है जायफल। लगभग हर रसोई में पाया जाने वाला यह मसाला न सिर्फ खाने के स्वाद को बढ़ा सकता है बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है। यहां आप वैज्ञानिक प्रमाण सहीत जायफल के फायदे और नुकसान जान पाएंगे। साथ ही इस लेख में जायफल का उपयोग करने का तरीका भी बताया गया है। पाठक इस बात पर विशेष ध्यान दें कि जायफल लेख में शामिल किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है। यह केवल समस्या से बचाव में कुछ हद तक मददगार साबित हो सकता है।
जायफल क्या होता है?
जायफल दुनिया भर में अपने स्वाद के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक लोकप्रिय मसाला है। यह जायफल के पेड़ (जिसका वैज्ञानिक नाम मिरिस्टिका फ्रेग्रेंस है) से मिलता है। जायफल के पेड़ से दो मसाले मिलते हैं जायफल और जावित्री। मिरिस्टिका के बीज को जायफल कहा जाता है। इस लेख में हम खासतौर पर जायफल के बारे में बता रहे हैं। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार इस मसाले का उपयोग स्वास्थ्य लाभ के लिए हजारों वर्षों से किया जाता रहा है। यह कई पोषक तत्वों से समृद्ध होता है और इसमें एंटीइन्फ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट जैसे प्रभाव भी पाए जाते हैं।
जायफल के फायदे – Benefits of Nutmeg
जैसा की आपने ऊपर पढ़ा कि जायफल कई पोषक तत्वों और गुणों से भरपूर होता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माने जाते हैं। नीचे हम आपको बता रहें हैं कि जायफल खाने से क्या होता है और शरीर के लिए इसके फायदे क्या-क्या हो सकते हैं।
अनिद्रा की समस्या में लाभकारी
जायफल का उपयोग अनिद्रा की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है। इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि दो हफ्तों तक जायफल चूर्ण का इस्तेमाल अनिंद्रा से पार पाने में मददगार हो सकता है। वहीं, एक अन्य शोध में भी अनिद्रा के लिए इसके उपयोग का पता चलता है।
पाचन तंत्र सुधारे
जायफल का उपयोग पाचन तंत्र को सुधारने के लिए भी किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में जिक्र मिलता है कि आर्युवेद में जायफल का उपयोग कई समस्याओं से निजात पाने के लिए किया जाता है, जिसमें खराब पाचन तंत्र को ठीक करना भी शामिल है। साथ ही यह मल त्यागने की क्रिया को भी सरल बना सकता है। वहीं, एक अन्य शोध में गैस, डायरिया और अपच की समस्या के लिए इसके उपयोग का पता चलता है। हालांकि, इन लाभ के पीछे जायफल के कौन से औषधीय प्रभाव काम करते हैं, इसे लेकर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
दर्दनिवारक औषधि के रूप में
जायफल का उपयोग दर्दनिवारक के रूप में किया जा सकता है। इस विषय पर डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज (शिकागो) के द्वारा शोध किया गया। शोध में पाया गया कि जायफल के अर्क में एनाल्जेसिक (analgesic) गुण यानी की दर्द को दूर करने वाला गुण पाया जाता है।
गठिया में लाभदायक
गठिया की समस्या में जोड़ों में दर्द के साथ ही सूजन की समस्या हो सकती है। इस समस्या में जायफल का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। इस विषय से संबंधित एक शोध में पाया गया कि जायफल का उपयोग मांसपेशियाओं में ऐंठन और गठिया की समस्या में लाभकारी हो सकता है। शोध में पाया गया कि जायफल में एनाल्जेसिक और एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। ये गुण गठिया के दौरान होने वाले दर्द और सूजन में राहत देने का कार्य कर सकते हैं
कैंसर से बचाव में जायफल के लाभ
जायफल का उपयोग कैंसर से बचाव में कुछ हद तक मददगार हो सकता है। इस विषय से जुड़े एक अध्ययन में पाया गया है कि जायफल में एंटीट्यूमर गुण पाए जाते हैं, जो कि कैंसर का कारण बनने वाले ट्यूमर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, एक अन्य शोध में पाया गया कि जायफल के तेल का उपयोग भी कैंसर से बचने के लिए किया जा सकता है। जायफल के तेल में एंटीकैंसर गुण पाए जाते हैं, जो कैंसर से बचाव में कुछ हद तक मददगार हो सकते हैं। यहां इस बात का ध्यान रखें कि जायफल कैंसर का उपचार नहीं है। अगर कोई इस बीमारी की चपेट में आ गया है, तो जल्द से जल्द डॉक्टरी इलाज करवाना जरूरी है।
मधुमेह में लाभकारी
मधुमेह के लिए भी जायफल का उपयोग किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में पाया गया है कि जायफल के अर्क में एंटीडायबिटिक गुण पाए जाते हैं। यह गुण रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकते हैं। इसलिए, कहा जा सकता है कि मधुमेह की समस्या में जायफल का उपयोग लाभदायक हो सकता है।
दन्त स्वास्थ्य में लाभकारी
जायफल का उपयोग दांतों के स्वास्थ्य के लिए भी किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, जायफल में अर्क में मौजूद मैकलिग्नन (macelignan) नामक तत्व में एंटीकैरोजेनिक (दांतों को टूटने से बचाने वाला) प्रभाव पाया जाता है, जो दांतों को स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स (Streptococcus Mutans) नामक ओरल बैक्टीरिया से सुरक्षा प्रदान कर सकता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि मुंह का स्वास्थ्य बरकरार रखने के लिए जायफल का उपयोग लाभकारी हो सकता है।
Anupama Dubey