कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि भाजपा सिर्फ बेटी बचाओ का नारा देती है, असल में ये सब गुनहगार हैं
लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय अपना पदभार ग्रहण करने के दूसरे दिन शुक्रवार को हजरतगंज पहुंच कर गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद अजय राय अमर मणि की रिहाई को लेकर भाजपा में हल्ला बोला। बता दें कि अजय राय ने अमरमणि त्रिपाठी को लेकर कहा कि अपराध में शामिल लोगों को जेल के बाहर नहीं आना चाहिए। इससे समाज में गलत संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ बेटी बचाओ का नारा देती है। असल में ये सब गुनहगार हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि ऐसी घटनाएं न हो।

करीब एक दशक के बाद कांग्रेस कार्यालय लखनऊ में कार्यकतार्ओं की भीड़ और उत्साह देखने वाला था। प्रदेश अध्यक्ष के पदभार ग्रहण करने के समारोह में उत्तर प्रदेश समेत राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता भी मौजूद रहे। करीब साढ़े छह घटा चले कार्यक्रम में सभी नेताओं ने अजय राय को अध्यक्ष बनाए जाने का स्वागत किया और उत्तर प्रदेश के कार्यकतार्ओं से अपील की 2024 के चुनाव में जुट जाए। अजय राय ने बनारस के मिजाज को उत्तर प्रदेश सहित देश में कांग्रेस का मिजाज एक जैसा बताया।

प्रदेश अध्यक्ष ने 2024 के मिशन में स्मृति ईरानी के घबराने और अमेठी के बार-बार चक्कर लगाने की बात बताई।
अब हम आप को अजय राय की राजनीतिक करियर के बारे में बताते चले तो 1996 से लेकर 2009 तक अजय राय भाजपा से जुड़े रहे। 1996 में वाराणसी के कोलअसला विधानसभा से अजय राय विधायक बने। इसके बाद अजय राय से वाराणसी की कोलअसला विधानसभा सीट कोई छीन नहीं पाया। 1996 से 2009 तक लगातार अजय राय कोलअसला से विधायक रहे।

2012 में दिग्विजय सिंह यूपी के प्रभारी और कांग्रेस महासचिव थे। उन्होंने अजय राय की कांग्रेस में एंट्री कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अजय 2012 के विधानसभा उपचुनाव में वाराणसी की पिंडरा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े और पांचवीं बार विधायक बने। अजय राय 2017 और 2022 में विधानसभा चुनाव जीतने में नाकाम रहे। लेकिन, वह सालों से कांग्रेस में महत्वपूर्ण संगठनात्मक जिम्मेदारियां निभा रहे हैं।

कांग्रेस नेतृत्व के उन पर भरोसे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा राज्य इकाई के फेरबदल में, उन्हें प्रयागराज क्षेत्र के लिए पार्टी का अध्यक्ष बनाया था। इसमें पूर्वी यूपी के करीब 12 जिलों की जिम्मेदारी उन्हीं को दी थी।
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